scriptशिवानी सिब्बल के पहले और बेस्टसेलर उपन्यास ‘इक्वेशन्स’ के हिंदी अनुवाद ‘सियासत’ का जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में हुआ था लोकार्पण | shivani sibbal bestseller novel "equations" translation released | Patrika News
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शिवानी सिब्बल के पहले और बेस्टसेलर उपन्यास ‘इक्वेशन्स’ के हिंदी अनुवाद ‘सियासत’ का जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में हुआ था लोकार्पण

. शिवानी सिब्बल के पहले बहुचर्चित उपन्यास ‘इक्वेशंस’ के हिन्दी संस्करण ‘सियासत’ का लोकार्पण जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में हुआ। इस कार्यक्रम में लेखक शिवानी सिब्बल, वरिष्ठ साहित्यकार मृदुला गर्ग, अनुवादक प्रभात रंजन, राजकमल प्रकाशन समूह के सम्पादकीय निदेशक सत्यानन्द निरुपम और कार्यक्रम सूत्रधार मीता कपूर उपस्थित रहे।

जयपुरFeb 09, 2024 / 07:18 pm

Shaily Sharma

शिवानी सिब्बल के पहले और बेस्टसेलर उपन्यास 'इक्वेशन्स' के हिंदी अनुवाद 'सियासत' का जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में हुआ था लोकार्पण

शिवानी सिब्बल के पहले और बेस्टसेलर उपन्यास ‘इक्वेशन्स’ के हिंदी अनुवाद ‘सियासत’ का जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में हुआ था लोकार्पण

शिवानी सिब्बल के पहले बहुचर्चित उपन्यास ‘इक्वेशंस’ के हिन्दी संस्करण ‘सियासत’ का लोकार्पण जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में हुआ। इस कार्यक्रम में लेखक शिवानी सिब्बल, वरिष्ठ साहित्यकार मृदुला गर्ग, अनुवादक प्रभात रंजन, राजकमल प्रकाशन समूह के सम्पादकीय निदेशक सत्यानन्द निरुपम और कार्यक्रम सूत्रधार मीता कपूर उपस्थित रहे। लोकार्पण के बाद लेखक और अनुवादक से मीता कपूर ने इस उपन्यास पर बातचीत की।इस मौके पर कार्यक्रम की सूत्रधार मीता कपूर ने कहा कि जब मैंने किताब के अनुवादक प्रभात रंजन से पूछा कि इस किताब के अनुवाद का ख़याल आपके मन में कैसे आया तो उन्होंने कहा कि जैसे ही मैंने इस किताब को पढ़ना शुरू किया मुझे लगा, जैसे यह किताब अनुवाद की प्रतीक्षा ही कर रही है।

हिंदी की वरिष्ठ लेखक मृदुला गर्ग ने कहा कि यह शिवानी के लिए एक मुबारक दिन है। जब किसी की पहली किताब सफल होती है तो वह उसके लिए बेहद ख़ुशी का दिन होता है। जब पहली किताब छप कर आती है तो भी मुबारक दिन होता है। और जब उसका अनुवाद होता है तो वह भी मुबारक दिन होता है। यही बात मेरी पहली किताब के पूरा होने पर कृष्णा सोबती जी ने मुझे कही थी।लेखक और अनुवादक प्रभात रंजन ने कहा कि कहानी के केंद्र में लुटियंस दिल्ली है। कहानी का नायक दिल्ली विश्वविद्यालय के इवनिंग कॉलेज में हिंदी ऑनर्स का छात्र है। यही पात्र नायक के तौर पर उभर कर सामने आता है। यह किताब लुटियंस दिल्ली के बदलाव की कहानी भी बयान करती है।

‘सियासत’ की लेखक शिवानी सिब्बल ने इस अवसर पर कहा कि इस उपन्यास में दो अलग-अलग पृष्ठभूमि से आने वाले लोगों की कहानी है जो कुछ हासिल करना चाहते हैं। दोनों की चुनौतियां अलग हैं, दोनों की बाधाएं अलग हैं। मैं दिल्ली में पली-बढ़ी हूँ। पहले की दिल्ली से आज की दिल्ली बिल्कुल अलग है। उसमें बहुत बदलाव हो चुका है। मैं उस बदलाव को क़ैद करना चाहती थी। इस बात ने भी मुझे इस किताब को लिखने के लिए प्रेरित किया। मैंने लिखना बहुत देर से शुरू किया है। इस वजह से अपने अनुभव को जो अबतक मेरे लेखन में छूट गया था, उसे भी मैंने इस किताब के सहारे कहने का प्रयास किया है। राजकमल प्रकाशन समूह के सम्पादकीय निदेशक सत्यानन्द निरुपम ने इस मौक़े पर कहा कि यह किताब हिन्दी पट्टी की सियासत के बारे है। ये न सिर्फ़ इसके अतीत को सामने ला रही है, बल्कि यह भविष्य की भी झलक दिखलाती है। यह बदलती हुई सामाजिक संरचना की एक खूबसूरत कहानी है। राजकमल प्रकाशन ने अंग्रेजी में लिखे गए ऐसे उपन्यासों का एक तरह से शृंखला प्रकाशित कर दी है, जो अंग्रेजी में लिखे जाने के बावजूद हिंदी मिज़ाज के हैं। अमितवा कुमार और अमिताभ बागची से लेकर शिवानी सिब्बल तक अब एक पूरा रेंज है।
उपन्यास के बारे में :

शिवानी सिब्बल के उपन्यास ‘सियासत’ में निजी महत्त्वाकांक्षाओं, पारिवारिक सीमाओं और सामाजिक बदलावों की एक दिलचस्प कहानी है। नए भारत के बदलते यथार्थ को लेखक ने इस उपन्यास में बारीकी से चित्रित किया है। दिल्ली के व्यावसायिक एवं राजनीतिक परिवारों की गोपन दुनिया का परीक्षण करता यह उपन्यास भारतीय परिवारों के भीतर की जटिलताओं, सीमाओं और महत्वकांक्षाओं के टकराव को बखूबी बयान करता है। इसमें वर्ग, सत्ता और आधुनिक भारत के बदलते आयाम का चित्रण किया गया है। फ़र्श से अर्श तक पहुँचने की यह रोमांचक कथा शानदार क़िस्सागोई के कारण बहुत दिलचस्प और पठनीय है।शिवानी का यह पहला उपन्यास उन्हें एक प्रतिभाशाली युवा लेखक के रूप में स्थापित करने वाला है। मूलरूप से अंग्रेजी भाषा में लिखा गया यह उपन्यास ‘इक्वेशंस’ शीर्षक से प्रकाशित है। हिन्दी में इसका अनुवाद प्रभात रंजन ने किया है जो राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है।

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