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जयपुर

समरावता थप्पड़ कांड: अनुसूचित जनजाति आयोग ने लिया संज्ञान, मुख्य सचिव और DGP सहित 4 को नोटिस जारी

Naresh Meena Slapping Case: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने समरावता थप्पड़ कांड को लेकर राजस्थान के मुख्य सचिव, डीजीपी उत्कल रंजन साहू, टोंक जिला कलेक्टर सौम्या झा और एसपी को नोटिस जारी किया है।

जयपुरDec 05, 2024 / 08:31 pm

Nirmal Pareek

Samrawata Slapping Incident: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने समरावता थप्पड़ कांड को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए राजस्थान के मुख्य सचिव, डीजीपी उत्कल रंजन साहू, टोंक जिला कलेक्टर सौम्या झा और एसपी को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस 4 दिसंबर को जारी हुआ, जिसमें आयोग ने तीन दिन के अंदर मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है।
बता दें, पहले जारी नोटिस में एक गलती हुई थी, जहां वर्तमान एसपी विकास सांगवान के स्थान पर पूर्व एसपी प्रीति जैन का नाम दर्ज हो गया था। इसके बाद आयोग ने संशोधित नोटिस जारी करते हुए तीन दिन के अंदर जवाब मांगा है।
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याचिकाकर्ताओं की शिकायत

बता दें, इस मामले में कई संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता जैसे मदन मोहन राजौर (प्रदेश प्रभारी, भारतीय किसान यूनियन), रामकेश मीणा (प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान आदिवासी सेवा संघ), और महेंद्र मीणा (आदिवासी मीणा अधिवक्ता संघ), समस्त आदिवासी मीणा अधिवक्ता संघ जयपुर, केसी घुमरिया, प्रदेश अध्यक्ष, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद जयपुर और गोविंद सिंह सोमवत महासचिव अनुसूचित जनजाति संयुक्त संस्था ने याचिका दायर किया है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का नोटिस
आयोग ने मुख्य सचिव और डीजीपी को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि तीन दिन में जवाब न मिलने पर संविधान के अनुच्छेद 338क के तहत सिविल न्यायालय की शक्तियों का उपयोग कर व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए समन जारी किया जाएगा। यह मामला स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। आयोग ने इसे अनुसूचित जनजाति के अधिकारों का उल्लंघन माना है और त्वरित कार्रवाई की मांग की है।

क्या है समरावता थप्पड़ कांड?

यह मामला टोंक जिले के देवली-उनियारा क्षेत्र में हुए उपचुनाव के दिन 13 नवंबर का है। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने आरोप लगाया कि ड्यूटी मजिस्ट्रेट अमित कुमार चौधरी (मालपुरा SDM) ने मतदाताओं से जबरन वोट डलवाए, जिसमें एक महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी शामिल थी। इसके बाद नरेश मीणा ने विरोध करते हुए SDM को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद देर रात पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार करने की कोशिश की, जिससे गांव में आगजनी और हिंसा भड़क उठी। हिंसा में दो पुलिस वाहनों सहित नौ अन्य वाहन और कई घर क्षतिग्रस्त हो गए।

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