उल्लेखनीय है कि इस मामले में बांसवाड़ा संभागीय आयुक्त के रेल परियोजना के लिए भूमि अवाप्ति मामले में प्रतापगढ़ उपखंड अधिकारी के निर्णय को पलटने से विवाद खड़ा हो गया था। छोटी सादड़ी-नीमच रेल परियोजना के लिए अवाप्ति के 18 मामलों में कृषि भूमि मानते हुए प्रतापगढ़ के उपखण्ड अधिकारी ने 2 करोड़ 8 लाख 9 हजार 679 रुपए मुआवजा तय किया, जबकि मई 2024 में
बांसवाड़ा संभागीय आयुक्त रहते नीरज के पवन ने भूमि को आवासीय बताते हुए मुआवजा 20 करोड़ रुपए बढ़ाकर 22 करोड़ 32 लाख 98 हजार 327 रुपए कर दिया। रेलवे का कहना है कि अवाप्ति प्रक्रिया शुरू होने तक भूमि कृषि किस्म की थी और उसके एक सप्ताह के भीतर इसका भू – रूपान्तरण करवाकर इसे आवासीय करवा लिया।