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24 जुलाई को पर्यटन निगम के शीर्ष अफसरों की बैठक में यह निर्णय कर लिया गया। बीमा विभाग से किराया प्रतिदिन के हिसाब से लिया जाएगा। कमरों को कार्यालय के हिसाब से तैयार करने के लिए पर्यटन निगम ने बीमा विभाग से 1 करोड़ रुपए मांगे हैं। प्रत्येक कमरे का किराया 2 हजार रुपए प्रतिदिन और हॉल का किराया 10 हजार रुपए प्रतिदिन है।
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पर्यटन निगम के इस निर्णय से होटलों के अधिकारी और कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि होटल को किराए पर देने से ब्रांड वैल्यू खत्म होगी। ऐसे में मेहमान होटल में कमरा बुक कराने और लोग शादी-समारोह की बुकिंग कराने से पीछे हटेंगे। भविष्य में सरकारी कार्यालय यहां से दूसरी जगह शिफ्ट हो भी गया तो फिर होटल की वह ब्रांड वैल्यू नहीं रहेगी जो कभी थी।