81 सवालों का पीडीएफ
जांच में सामने आया कि द्वितीय श्रेणी भर्ती परिक्षा में अभ्यर्थियों को सामान्य ज्ञान के पेपर रात में ही लीक हो जाते थे। अभ्यर्थियों को परिक्षा होने से पहले 81 सवालों के पीडिएफ मिल जाते थे। इनमें से 80 सवाल तक सही पाए गए हैं। सवालों के जवाब अभ्यर्थियों को रात भर रटाया जाता था। उसके बाद सवालों को सुबह एक्सपर्ट के द्वारा बसों में हल करवा दिया जाता था।
पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि पुलिस से बचाव के लिए 250 सवालों का सेट भी हर अभ्यर्थी को दिया गया था। जिससे पुलिस से पकड़े जाने पर नकली सेट को दिखाकर अभ्यर्थी से बच सकें। लेकिन पुलिस को सारी सूचना पहले ही मिल चुकी थी।
जांच में सामने आया है नकल में इस्तेमाल की गई हर बस में एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर का इस्तेमाल किया गया है। उदयपुर से लेकर जयपुर, जोधपुर सभी जिलों में एक रजिस्ट्रेशन नंबर की बसों का उपयोग किया गया। धडल्ले से नकल में नकली नंबर प्लेट का इस्तेमाल किया गया।
बता दें कि आरोपी भूपेंद्र सारण व सुरेश ढाका ने जयपुर, जोधपुर, समेत अन्य इलाकों में पेपर लीक करवाए। उदयपुर में हुए पेपर लीक प्रकरण के मुख्य आरोपी पकड़े नहीं जा सके हैं। जयपुर , जोधपुर समेत अन्य इलाकों में भूपेंद्र व सुरेश का हाथ होना सामने आया है। इस संबंध में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है।