गौरतलब है कि सीकर के दिवराला गांव में बीएससी के छात्र मालसिंह शेखावत की 4 सितम्बर 1987 को बीमारी से मृत्यु हो गई। तब 18 साल की 12 वीं पास उसकी पत्नी रूपकंवर पति की चिता के साथ सती हो गई थी। करीब एक साल बाद सती की महिमा मण्डित करने के 8 आरोपियों के संबंध में जयपुर की स्पेशल सती निवारण कोर्ट में मंगलवार को फैसला सुनाया जाना था। जयपुर के ट्रांसपोर्ट व्यवसायी की बेटी रूपकंवर की शादी के सात माह बाद ही पति मालसिंह शेखावत की मृत्यु हो गई थी।
45 आरोपी, अब तक 25 हो चुके बरी रूपकंवर के सती होने के एक साल बाद बड़ी संख्या में लोग दिवराला पहुंचे थे। यहां एक ट्रक पर रूपकंवर की तस्वीर लगा जुलूस निकाल सती का महिमा मण्डित किया जा रहा था। तब 22 सितम्बर 1988 को 45 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ सहित 45 लोगों को सती का महिमा मण्डित करने का आरोपी बनाया। कोर्ट खाचरियावास और राठौड़ सहित 25 आरोपियों को अब तक बरी कर चुकी है। जबकि 8 आरोपियों के खिलाफ मामला विचाराधीन था। जबकि अन्य आरोपियों में कुछ की मौत हो चुकी और कुछ फरार चल रहे हैं।
इन पर सुनाया जाना था निर्णया कोर्ट में आरोपी श्रवण सिंह, महेन्द्र सिंह, निहाल सिंह, जितेन्द्र सिंह, उदय सिंह, नारायण सिंह, भंवर सिंह और दशरथ सिंह पर दर्ज मामले में फैसला सुनाया जाना था। उपरोक्त आरोपी पाली, अजमेर, सीकर और जयपुर के निवासी है।
सती प्रकरण में मंगलवार को निर्णय आना था, लेकिन सरकार की तरफ से कोर्ट में साक्ष्य पेश करने का प्रार्थना पत्र लगाया गया है। अब 11 सितम्बर को निर्णय की तारीख दी गई है।
सुरेन्द्र सिंह नरूका, एडवोकेट