इससे पहले कल झुंझुनूं में श्मशान घाट में चिता पर लेटा रोहिताश जिंदा हो गया था। उसका शरीर हिलने लगा और सांसें चलने लगी। इस पर तुरंत एंबुलेंस बुलाकर उसे वापस जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उसे इलाज के लिए आईसीयू में भर्ती कराया गया। इस मामले में जिला कलेक्टर रामावतार मीणा ने बीडीके हॉस्पिटल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी सहित 3 डॉक्टर्स को निलंबित कर दिया है।
जानकारी के अनुसार झुंझुनूं जिले में मां सेवा संस्थान के बगड़ स्थित आश्रय गृह में रहने वाले रोहिताश (25) की गुरुवार दोपहर को तबीयत बिगड़ गई थी। रोहिताश अनाथ व मूकबधिर था। ऐसे में वो पिछले काफी समय से यहीं पर रह रहा था। रोहिताश को तबीयत बिगड़ने पर झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने गुरुवार दोपहर 2 बजे मृत घोषित किया था। लेकिन इसके बाद उसके जिंदा होने का मालूम चला।
इधर एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टर्स की टीम गठित की जा रही है। जो शव का पोस्टमार्टम करेगी। पोस्टमार्टम के बाद रोहिताश की मौत को लेकर पूरे कारणों का खुलासा होगा।
इनका कहना है… आज सुबह साढ़े चार से पांच बजे के बीच रोहिताश को एसएमएस लाया गया था। जब लाया गया तब उसकी मृत्यु हो चुकी थी। मामला झुंझुंनू का है। ऐसे में अब वहां से पुलिस जयपुर आएगी। उसके बाद बोर्ड का गठन होगा और फिर पोस्टमार्टम होगा।
डॉ सुशील भाटी, अधीक्षक, एसएमएस अस्पताल