आरजीएचएस के नियमों के अनुसार, यदि दोनों कर्मचारी राज्य कर्मचारी हों, तो दोनों की वेतन से कटौती की जाएगी। इसके बदले दोनों कर्मचारियों के माता-पिता का आरजीएचएस में नि:शुल्क इलाज किया जाएगा। लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि उनके माता-पिता को यह सुविधा नहीं दी जा रही है।
राजस्थान सरकार का कहना है कि दोनों के माता-पिता एक ही जनाधार कार्ड में जुड़े होने चाहिए, लेकिन दोनों कर्मचारियों के माता-पिता का नाम एक ही जनाधार कार्ड में जुड़वाना संभव नहीं हो पा रहा है।
राजस्थान सरकार में ऐसे हजारों कर्मचारी दंपती हैं, जो पिछले चार साल से इस सुविधा से वंचित हैं, जबकि उनके वेतन से हर महीने कटौती की जा रही है। राज्य सरकार इस योजना के नाम पर इनसे करोड़ों रुपए वसूल रही है, लेकिन उन्हें सुविधा नहीं मिल रही है।
सॉफ्टवेयर अपडेट में देरी
इस वर्ष के बजट में यह घोषणा की गई थी कि आरजीएचएस में सास-ससुर का भी इलाज किया जाएगा और वित्त विभाग ने 20 सितंबर को इसके आदेश जारी कर दिए थे। लेकिन अब तक आरजीएचएस योजना से जुड़े अधिकारियों ने इस आदेश का पालन नहीं किया है। सरकारी कर्मचारी पंकज मित्तल का कहना है कि विभाग से संपर्क करने पर बताया जाता है कि सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं हुआ है, इस कारण यह सुविधा लागू नहीं हो पाई है।