करिअर बनाने जयपुर आई प्रिया सेठ ने मौज-मस्ती के चक्कर में अपराध की दुनिया में कदम रखा। अपनी रूम मैट के साथ वह देह व्यापार से जुड़े गिरोह के सम्पर्क में आई और पहली बार 2 जुलाई २०१४ को श्यामनगर थाना क्षेत्र में पकड़ी गई। उसने पहले पुलिस और फिर अदालत में अपनी मासूमियत का ऐसा स्वांग रचा कि थाने से अदालत पहुंचते ही उसे जमानत मिल गई। मामले में फरार आरोपित पकड़े जाने पर पुलिस ने इस केस में वर्ष 2016 में चालान पेश किया। मामला अभी विचाराधीन है।
मौज-मस्ती के लिए प्रिया ने रास्ता बदला और धनी लोगों को फांसकर रुपए ऐंठने लगी। ऐसे ही एक व्यक्ति को फांसकर इन दिनों उसके साथ लिव इन रिलेशन में रह रही थी। साढ़े सात लाख रुपए वसूलने के बाद वह उससे और रुपए मांग रही थी। युवक ने इसी साल 28 जनवरी को वैशालीनगर थाने में मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने पड़ताल कर 7 मार्च को उसे गिरफ्तार किया, जिसके बाद उसे ४ दिन के पुलिस रिमांड पर सौंपा गया। फिर 12 मार्च को पुलिस ने और रिमांड पर मांगा लेकिन अदालत ने इनकार कर दिया। उसी दिन उसे जमानत मिल गई। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार होते ही उसने परिवादी से समझौता कर लिया।
एफएसएल ने तीनों जगह से जुटाए साक्ष्य
लेडी डॉन प्रिया की घिनौती कहानी को अदालत में साबित करने के लिए पुलिस ने वैज्ञानिक रूप से साक्ष्य जुटाए हैं। इसके लिए एफएसएल की टीम ने तीन स्थानों का निरीक्षण किया। तीनों ही स्थानों से अहम साक्ष्य मिले हैं। टीम ने पहले वह स्थान देखा, जहां दुष्यन्त को बंधक बनाया गया था। वहां दुष्यंत के सिर के बाल व अन्य साक्ष्य मिले हैं। इसके बाद टीम ने दुष्यंत की कार देखी। उसमें सूटकेस में बंद लाश को आमेर ले जाकर पटका गया था। कार में खून के धब्बों के साथ 2 आरोपितों के पांव के निशान भी मिले हैं। इस खून के नमूनों का मिलान आरोपितों के जूतों में मिले खून के नमूनों से होगा। इसी तरह टीम ने उस स्थान का भी निरीक्षण किया, जहां लाश फेंकी गई थी। सूटकेस से भी साक्ष्य जुटाए गए हैं।
प्रिया का कहना है कि वह जो कुछ करती है, उसका उसे कोई मलाल नहीं। गलत प्रवृत्ति के लोग ही उससे संपर्क करते हैं। उन जैसे लोगों को ठगकर वह कुछ गलत नहीं कर रही। पुलिस पूछताछ में प्रिया ने कहा कि वह लेडी डॉन अनुराधा से भी बड़ी डॉन बनना चाहती है। पुलिस के अनुसार वह पिछले कई साल से ऑनलाइन एस्कॉर्ट सेवा के नाम से अनैतिक काम में लिप्त है। सोशल मीडिया में कई जगह उसने अपने मोबाइल नम्बर दे रखे हैं। उसके रडार पर आए लोगों में से वह अधिक रुपए वसूलने वाला व्यक्ति छांटती थी।