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जयपुर

भारत के नेतृत्व में सुख-शांति के मार्ग पर चले विश्व-श्रीकांत

घोष के साथ कदमताल मिलाकर चलते स्वयंसेवक ( Rashtriya Swayam Sevak Sangh) और उनके स्वागत में जगह-जगह पुष्पवर्षा कर जयघोष लगाते लोग। विजयदशमी ( Vijadashmi ) पर मंगलवार को गुलाबीनगर ( Pinkcity Jaipur ) में यह दृश्य देखने को मिला। जहां से भी पथ संचलन निकला, वहां लोगों के कदम रुक गए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महानगर इकाई की ओर से शहर के नौ अलग-अलग स्थानों पर पथ संचलन व शस्त्र पूजन कार्यक्रम आयोजित किए गए।

जयपुरOct 08, 2019 / 08:02 pm

Umesh Sharma

भारत के नेतृत्व में सुख-शांति के मार्ग पर चले विश्व-श्रीकांत

भारत के नेतृत्व में सुख-शांति के मार्ग पर चले विश्व-श्रीकांत

जयपुर।
वैशाली नगर स्थित चित्रकूट स्टेडियम में आयोजित मानसरोवर भाग के कार्यक्रम में संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक शिक्षण टोली के सदस्य श्रीकांत ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि किसी देश की ऊंचाई वहां के पर्वतों से तथा गहराई वहां की नदियों व समुद्र की गहराई से नहीं मापी जा सकती। राष्ट्र के लोगों के मन की गहराई व ऊंचाई देश की ऊंचाई से नहीं मापी जा सकती और लोगों के हृदय की गहराई उस राष्ट्र की गहराई होती है।
उन्होंने कहा कि हिंदू युवकों आज का युग धर्म शक्ति उपासना है और भारत इस मार्ग पर चल रहा है। विजयादशमी के दिन किया गया कार्य सदैव सफल होता है। इसी कारण डॉ. हेडगेवार ने 1925 में विजयादशमी के दिन ही संघ की स्थापना की थी। हम 100 वर्षों के भीतर समाज संगठन और जागरण का अपना लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे। आज वनवासी क्षेत्र में जहां अनेक जगह नक्सलवाद है किंतु जहां संघ की उपस्थिति है वह अधिकांश क्षेत्र नक्सलवाद से मुक्त हैं।
सस्ते नारों की नहीं, शक्ति की जरूरत
उन्होंने कहा कि आज देश को सस्ते नारों की नहीं, शक्ति की आवश्यकता है। पथ संचलन में संघ के स्वयंसेवकों के कदम से कदम मिलते हैं तो मन से मन भी मिलते हैं और घोष के माध्यम से वादको का श्वास से विश्वास मिलता है। इसी कारण स्वयंसेवकों में संगठन का भाव उत्पन्न होता है।
शस्त्र पूजन शक्ति उपासना का पर्व
विद्याधर भाग के कार्यक्रम में संघ के क्षेत्रीय बौद्धिक शिक्षण प्रमुख ग्यारसीलाल ने कहा कि शस्त्र पूजन शक्ति उपासना का पर्व है जो समाज के उत्थान का माध्यम है। त्रेतायुग में भगवान श्रीराम तथा द्वापर में श्रीकृष्ण ने शक्ति संपन्न संगठित समाज रचना की प्रेरणा दी थी। उन्होंने कहा कि देश सेवा में अपने आप को समर्पित कर देना स्वयंसेवक के लिए मोक्ष प्राप्ति का मार्ग है।
भय बिन होय न प्रीत
रामनिवास बाग के फुटबॉल मैदान में आयोजित ऋषि गालव भाग के कार्यक्रम में संघ के प्रांत बौद्धिक शिक्षण प्रमुख रमेश पारीक ने कहा कि भय के बिन होए न प्रीत का दोहा आज के समय में चरितार्थ हो रहा है। भगवान श्रीकृष्ण ने दानवों का मर्दन तो किया, लेकिन जनसेवा भी की। आज के युवा भी हनुमान की तरह बल भूल हो गए हैं, हमें उस शक्ति को जागृत करने का समय आ गया है।
यहां भी शस्त्र पूजन और पथ संचलन
मालवीय भाग के विश्वविद्यालय नगर, विवेकानंद नगर, महेश नगर, मालवीय नगर, सरस्वती नगर व गोपाल नगर में शस्त्र पूजन के बाद स्वयंसेवकों ने पथ संचलन किया। किशनपोल बाजार में मुस्लिम संगठनों के लोगों ने भी संचलन का स्वागत किया तथा जयघोष लगाए। इस दौरान क्षेत्र संघचालक डॉ. रमेश अग्रवाल, राज्य मंत्रालयिक सेवा के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष नंदसिंह, आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के विभागाध्यक्ष डॉ संजीव शर्मा आदि मौजूद थे

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