ये कहा रामनारायण मीणा ने
साम-दाम-दंड भेद से वो सत्ता में आना चाहते हैं… उनका देश की मज़बूती से कोई लेना देना नहीं है… उनको तो खुद की मजबूती चाहिए.. विचारधारा की मजबूती चाहिए… मैं तो कांग्रेस के नेता हैं उनको सलाह देता हूँ… कि आप आपसी लड़ाई छोड़िये… आज मेरा जैसा व्यक्ति कार्यकारिणी का सदस्य भी नहीं है… तो देख लीजिये इससे राजस्थान की जनता के सामने क्या मैसेज जा रहा है… कांग्रेस की लीडरशिप जो स्टेट की है.. वो लीडरशिप अपने स्वार्थ को छोड़े.. और अभी भी राहुल गांधी के नेतृत्व में संगठित होने की बात करे… ईमानदारी से नेताओं और कार्यकर्ताओं को सेलेक्ट करे… तभी कांग्रेस बची रहेगी, नहीं तो नरेंद्र मोदी संविधान की धारा 356 के तहत ऐसे स्थान में बैठे हैं कि वो राजस्थान की कांग्रेस सरकार को बर्खास्त कर सकते हैं.. और यदि हम नहीं सुधरे तो जुलाई तक निश्चित तौर पर मोदीजी यहां दौरा करेंगे… इसे भंग करेंगे.. कॉन्स्टिट्यूशन प्रोविजन्स के तहत भंग करना चाहेंगे… क्योंकि उनको देश से कोई मतलब नहीं है, विकास से कोई मतलब नहीं है…
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक में हार के कारणों पर मंथन किया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ बैठक में प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे तथा सह प्रभारी विवेक बंसल व तरुण कुमार भी मौजूद रहेंगे। पिछले तीन दिनों से गहलोत-पायलट समर्थकों के बीच छिड़ी बयानबाजी के चलते बैठक में हंगामा होने के आसार हैं।
हंगामे की आशंका को भांपते हुए पार्टी के शीर्ष नेताओं ने बैठक से मीडिया को दूर रखा है। बैठक में प्रत्याशियों को अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा। इस दौरान मंत्री व विधायक भितरघात व सहयोग न मिलने के आरोपों के साथ निशाने पर रह सकते हैं। हार के बाद एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालने को लेकर सोशल मीडिया पर हो रही बयानबाजी के कारण भी हंगामे की आशंका जताई जा रही है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार बैठक का मुख्य एजेंडा तो हार के कारणों की समीक्षा करना है, लेकिन जिस तरह पिछले तीन दिन से मंत्री और पदाधिकारियों की बयानबाजी सामने आई है, उससे बैठक में हंगामा होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। वहीं अपनी हार से दुखी कई प्रत्याशियों ने भी नेताओं और कार्यकर्ताओं की भितरघात को जिम्मेदार बताया है। ऐसे में नेताओं को प्रत्याशियों की नाराजगी का सामना भी करना पड़ सकता है।