जयपुर में 16वीं विधानसभा का पहला सत्र बुधवार को शुरू हुआ।
Rajasthani Language : राजस्थान में 16वीं विधानसभा का पहला सत्र बुधवार से शुरू हुआ। आज राजस्थान विधानसभा सत्र का दूसरा दिन है। बुधवार को सदन में तीन से अधिक विधायकों ने राजस्थानी भाषा में शपथ लेने के लिए प्रोटेम स्पीकर से निवेदन किया, लेकिन स्पीकर ने यह कहते हुए मना कर दिया कि आठवीं अनुसूची में राजस्थान भाषा को मान्यता नहीं है। इसलिए शपथ नहीं दिला सकते। इसके बावजूद अंशुमान सिंह भाटी, रविन्द्र सिंह भाटी ने राजस्थानी भाषा में ही शपथ ले ली। फिर बाद में उन्हें हिन्दी में ही शपथ दिलाई गई। इसके बाद तो एक बार फिर से यह मुद्दा बन गया है कि राजस्थानी भाषा बोलने वाले 12 करोड़ पर फिर भी मान्यता पर संकट है। राजस्थानी भाषा को मान्यता की मांग तेज होने लगी है। पर अब माहौल बदल गया है।
यह उम्मीद लगाई जा रही है अब राज्य और केंद्र दोनों ही जगह एक ही दल (डबल इंजन) की सरकार है, ऐसे में भरपूर मौका है कि राज्य सरकार राजस्थानी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव आगे बढ़ाए और केंद्र सरकार इसे मंजूरी दिलाने की प्रक्रिया पूरी कर इसे 8वीं अनुसूची में शामिल कराए।
भोजपुरी और राजस्थानी को ही मान्यता का हक
राजस्थान विधानसभा की ओर से राजस्थानी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए 28 अगस्त 2003 को संकल्प पारित किया गया। तत्कालीन गृहमंत्री ने भी इसे मान्यता दिलाने का भरोसा दिलाया था। इसके बाद सीताकांत महापात्र की अध्यक्षता में गठित समिति ने वर्ष 2004 में कहा कि सिर्फ भोजपुरी और राजस्थानी ही मान्यता पाने का हक रखती है।
समिति की रिपोर्ट केंद्र सरकार के पास विचाराधीन है। राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के प्रयास कर रहे लोगों के अनुसार दुनियाभर में राजस्थानी बोलने वाले लोगों की संख्या करीब 12 करोड़ है।