सबसे चर्चित सूची तो विद्युत प्रसारण निगम की रही। सामान्य तौर पर सूची पर डिस्पैच के आखिरी नंबर अंकों में ही लिखे जाते हैं, लेकिन प्रसारण निगम की कुछ तबादला सूची में डिस्पैच अंक के आगे ए और बी भी लिखा गया है। अब जांच का विषय है कि आखिर ऐसा क्यों किया गया। क्या बीच में ही सूची जोड़ने के लिए ऐसा किया? प्रसारण निगम के सीएमडी आलोक हैं और सचिव आनंदी लाल वैष्णव ने सूची जारी की।
उधर, कई विधायक, मंत्री और उच्च स्तर पर सूची में ‘अपनों’ के नाम नहीं होने पर नाराजगी जताई। इसके बाद संशोधन किया गया। जयपुर में तो एक सीट पर पहले अन्य इंजीनियर को लगाया, लेकिन आधे घंटे बाद ही उसे हटाकर दूसरे इंजीनियर का नाम जोड़ दिया गया।
तबादलों को लेकर सीएम से बात करेंगे- खर्रा
नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि तबादलों में छूट की अवधि में तबादलों से वंचित कार्मिकों के लिए जरूरी हुआ तो फिर से प्रयास करेंगे। खर्रा का कहना था कि यह सीएम के स्तर का मामला है फिर भी किसी तरह की मांग सामने आएगी तो उनके संज्ञान में लाया जाएगा। नगर निकायों में वार्ड परिसीमन के बारे में उनका कहना है कि पहले बीस जनवरी तक सीमा विस्तार होगा और इसके बाद वार्डों का पुनर्सीमांकन किया जाएगा।