राजस्थान में सीएम भजनलाल शर्मा के शपथ लेते ही खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग सक्रिय हो गया है। इस विभाग ने गेहूं का स्टॉक करने वालों पर सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। इसके पीछे मंशा गेहूं की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाना और गेहूं की जमाखोरी को रोकना है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने स्टॉक सीमा से अधिक गेहूं रखने वाले व्यापारियों या रिटेलरों के यहां चेकिंग करने के लिए जिला रसद अधिकारियों को अधिकृत किया है। इन डीएसओ को 31 मार्च 24 तक अवधि में जांचने की रिपोर्ट मांगी है। डीएसओ सुरेश कुमार ने बताया कि राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त आयुक्त नवनीत कुमार ने भारत सरकार की ओर से 8 दिसम्बर को जारी किए गए गजट नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए यह स्टॉक सीमा जांचने के निर्देश दिए हैं।
राजस्थान ट्रेड एथॉरिटी लाइसेंस जरूरीगजट नोटिफिकेशन अनुसार इसमें व्यापारी या थोक विक्रेता को एक हजार टन, प्रत्येक रिटेल आउटलेट के लिए पांच टन, बिग चेन रिटेलर को पांच टन और उनके डिपो पर एक हजार टन, प्रोसेर्स करने वाली कंपनी या फैक्ट्रियों के यहां सालाना का 70 प्रतिशत स्टॉक सीमा तय किया गया है, इस जांच के दौरान अधिक स्टॉक मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ – साथ राजस्थान ट्रेड एथॉरिटी लाइसेंस जरूरी है। आरटीए लाइसेंस नहीं होने पर भी संबंधित गेहूं को जब्त करने की प्रक्रिया अपनाई जा सकती है।
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