जानकारी के मुताबिक स्कूल ऑफ आट्र्स के तीनों विभागों मूर्तिकला, कॉमर्शियल आट्र्स और चित्रकला के नौ गेस्ट फैकल्टी वीरेंद्र प्रताप सिंह, जयदीप शर्मा, अनिरूद्ध शर्मा, भक्ति बक्शी, पवन कुमार शर्मा, मनीष शर्मा, अमित शर्मा, मनोज कुमार शर्मा और शैलेश शर्मा ने अपनी सेवाएं देने से इंकार कर दिया।
इसलिए किया काम करने से इंकार
इन शिक्षकों का कहना है कि पिछले कई दिनों से संस्थान में विद्यार्थी योग्य शिक्षकों की नियुक्ति किए जाने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। इसे लेकर कॉलेज प्रशासन पुलिस के जरिए गेस्ट फैकल्टी को धमका रहा है और प्रचारित किया जा रहा है कि गेस्ट फैकल्टी स्वयं स्थाई नौकरी पाने के लिए विद्यार्थियों को भड़का रही है और आंदोलन करवा रही है जो सच नहीं है। हम सभी प्रोफेशनल्स हैं जिन्हें कॉलेज प्रशासन गेस्ट फैकल्टी के रूप में 350 रुपए मानदेय देता है। हम इसी कॉलेज से पासआउट हैं। कॉलेज और यहां के स्टूडेंट्स के प्रति लगाव के कारण अपना समय बतौर गेस्ट फैकल्टी देते हैं 350 रुपए के लिए नहीं। कॉलेज प्रशासन के इस कृत्य से हमारे आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है और अब हम यहां काम नहीं करेंगे।
मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
बतौर गेस्ट फैकल्टी अपनी सेवाएं देने से इंकार करने वाले इन शिक्षकों ने इसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उच्च शिक्षामंत्री, कला व संस्कृति विभाग, मुख्यसचिव, संभागीय आयुक्त, पुलिस उपायुक्त, उच्च शिक्षा विभाग और कला व संस्कृति विभाग के शासन सचिव, कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय को पत्र लिखा है। पत्र में लिखा गया है कि यदि प्राचार्य की ओर से किए गए इस कृत्य से उन्हें मानसिक प्रताडऩा झेलनी पड़ी है। यदि उनके किसी भी षडयंत्र के कारण उनके प्रोफेशनल लाइफ पर कोई प्रभाव पड़ता है तो इसकी जिम्मेदारी कॉलेज प्राचार्य की होगी।
धरने में हुए शामिल
इतना ही नहीं गेस्ट फैकल्टी स्टूडेंट्स के धरने में भी शामिल हुई। उनका कहना था कि स्टूडेंट्स अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं इसलिए हमने भी उनका साथ देने का निर्णय लिया है। फैकल्टी ने स्टूडेंट्स का आश्वास्त किया कि जब भी उन्हें पढ़ाई के दौरान उनके मार्गदर्शन की जरूरत होगी वह उनके साथ होंगे।