एक बार फिर ऐसा ही हुआ है। मीना ने पिछली बार की तरह इस बार भी स्पीकर वासुदेव देवनानी से मुलाकात करके 31 जनवरी से शुरू होने जा रहे बजट सत्र से अनुपस्थित रहने की मंजूरी मांगी है। उन्होंने सत्र के दौरान तीन फरवरी से मौजूद रहने में असमर्थता व्यक्त की है। खास बात यह है कि मीना विभाग का कामकाज देखने के सवाल पर लगातार दोहरा रहे हैं कि वे मंत्री पद छोड़ चुके हैं।
पिछले दिनों मीना कहा था कि उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से आग्रह भी किया था कि उनका इस्तीफा स्वीकार करके उन्हें तत्काल मुक्त किया जाए। हालांकि मुख्यमंत्री ने अब तक किरोड़ी का इस्तीफा मंजूर करने की पुष्टि नहीं की है। पिछले बजट सत्र में भी मीना विधानसभा में उपस्थित नहीं हुए थे। ऐसे में मुख्यमंत्री को उनके विभाग के जवाब देने की जिम्मेदारी अन्य मंत्री को सौंपनी पड़ी थी।
किरोड़ी को सप्ताह में दो दिन ही देने हैं जवाब
सदन में किरोड़ी मीना को अपने विभागों कृषि एवं उद्यानिकी, ग्रामीण विकास, आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा, जन अभियोग निराकरण विभाग से संबंधित प्रश्नों एवं प्रस्तावों के जवाब देने के लिए सोमवार एवं शुक्रवार के दिन तय किए हैं। चार मंत्री देंगे सीएम के विभागों के जवाब
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के विभागों से जुड़े जवाब देने के लिए मंत्रिमंडल के अन्य मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। दिया कुमारी आबकारी, आयोजना, कराधान, सांख्यिकी विभाग, गजेंद्र सिंह खींवसर खान एवं पेट्रोलियम, गृह, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, जेल, मत्स्य, राजकीय उपक्रम, अप्रवासी भारतीय, कृषि सिंचित क्षेत्र विकास एवं जल उपयोगिता, इंदिरा गांधी नहर विभाग के जवाब देंगे।
वहीं, जोगाराम पटेल कार्मिक, नीति निर्धारण प्रकोष्ठ, प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय, सामान्य प्रशासन, संपदा, निर्वाचन, मंत्रिमंडल सचिवालय, स्टेट मोटर गैराज, मुद्रण एवं लेखन सामग्री, भाषा एवं पुस्तकालय विभाग, सुमित गोदारा सूचना एवं जनसम्पर्क, शांति एवं अहिंसा, कृषि विपणन, अल्पसंख्यक, वक्फ, श्रम, कारखाना एवं बॉयलर्स विभाग के जवाब देंगे।
विधानसभा में बजट सत्र के दौरान अनुपस्थित रहने के कारण मैनें विधानसभा अध्यक्ष को बता दिए हैं—
किरोडी लाल मीना, कृषि मंत्री