प्रदेश की सौ से भी ज्यादा जेलों में वर्तमान में बीस हजार से ज्यादा बंदी हैं। इनमें करीब चार हार्डकोर बदमाश हैं। इनमें से करीब साठ बदमाशों को तो अजमेर के घूघरा में स्थित हाई सिक्योरिटी जेल में रखा गया है। बाकि अन्य को सेंट्रल जेलों में रखा गया है।
पेशी पर लाने ले जाने या फिर अन्य कारणों से हार्डकोर बदमाशों को जेल से बाहर निकाला जाएगा तो विशेष तरह से तैयार वाहन में ले जाया जाएगा। इन वाहनों के अंदर ही एक केबिन दिया गया है। इसमें दो सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। केबिन के अंदर हार्डकोर को बापर्दा रखा जाएगा। उसे सफर के दौरान खाने-पीने के लिए भी कुछ नहीं दिया जाएगा। यहां तक कि अगर बंदी को टॉयलेट भी जाना होगा तो उसे किसी नजदीकी थाने पर ही ले जाना होगा।
प्रदेश की पुलिस हार्डकोर बदमाशों का डोजियर (लेखा-जोखा )भी तैयार कर रही है। बदमाश की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के दौरान करीब चालीस से भी ज्यादा उन लोगों के नाम और पूरी जानकारी की एक फाइल तैयार की जा रही है। इसमें हार्डकोर बदमाश का नाम उसके सभी रिश्तेदार, उसके नजदीकी दोस्त, पड़ोसी और अन्य जानकारों की पूरी लिस्ट तैयार की जा रही है। पुलिस अफसरों की मानें तो इस तरह की पूरी तैयारी आनंदपाल मामले से सबक के बाद की जा रही है। आनंदपाल की फरारी से लेकर गिरफ्तारी तक पुलिस लंबे समय तक परेशान रही थी। उसकी मौत के बाद भी बवाल हुआ था।