उन्होंने राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के अध्युपाय) (संशोधन) विधेयक-2023 पर चर्चा के जवाब में यह बात कही। उन्होंने बताया कि पूर्व में राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के अध्युपाय) अधिनियम-2022 लागू किया गया था। वर्तमान परिस्थितियों में संशोधन विधेयक लाया जाना जरूरी था।
अब इसमें कारावास की न्यूनतम अवधि 5 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष तथा अधिकतम अवधि 10 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन तक करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों में पेपर लीक की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन राजस्थान में अन्य राज्यों की तुलना में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए सजा के अधिक सख्त प्रावधान किए गए हैं।
सम्पत्ति कुर्क करने का भी प्रावधान
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान अधिनियम में पेपर लीक में लिप्त व्यक्ति से जुर्माना वसूलने व सम्पत्ति कुर्क किये जाने के साथ ही परीक्षा व्यय की राशि वसूले जाने का भी प्रावधान है। इस अपराध को संज्ञेय और गैर जमानती बनाया गया है।