राज्य में बाजरा-ज्वार की 4960 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई
कृषि आयुक्त कन्हैया लाल स्वामी ने बताया कि राज्य में खरीफ 2024 में बाजरा और ज्वार की 4 हज़ार 960 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई की गई है। जिसमें से बाजरे की 4,304 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में और ज्वार की 660.73 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई की गई है। यह भी पढ़ें – Good News : खुशखबर, विदेश जाना है तो 10 सितम्बर तक आवेदन करें राजस्थान के किसान स्वास्थ्य के लिए लाभदायक मोटा अनाज
मोटे अनाज में बाजरा, ज्वार, रागी एवं कोंदो जैसे धान्य को शामिल किया गया है। इनमें पोषक तत्व प्रोटीन व खनिज भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। मोटे अनाज में औषधीय गुणों के कारण इनके सेवन से कुपोषण, मोटापा, मधुमेह और हृदय सेसम्बन्धित गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि भोजन-थाली में मिलेट्स का सेवन उत्तम स्वस्थ शरीर के रख-रखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कम सिंचाई होती है मोटे अनाज की खेती
मोटे अनाज की खेती कम सिंचाई एवं कम उपजाऊ भूमि में भी आसानी से की जा सकती है। मोटे अनाज को ऐसी फसल माना जाता है जो खाद्यान, जलवायु परिवर्तन जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करती है। उल्लेखनीय है कि भारत देश के प्रस्ताव के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने बाजरा, ज्वार, कोंदो समेत 8 मोटे अनाजों को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया था।