डीआरआई ने प्रतिबंधित ई-सिगरेट की बिक्री करने वाले सुनील कुमार शर्मा को अदालत में पेश किया, जिसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सूत्रों के अनुसार आरोपी दुबई, मलेशिया और चीन से इनकी तस्करी करवाकर
जयपुर में ऑनलाइन और होम डिलीवरी के माध्यम से बेच रहा था। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने ई-सिगरेट की बिक्री, स्टोरेज और विज्ञापन पर बैन लगाया हुआ है, लेकिन देश में ज्यादातर मामलों में ये ऑनलाइन और लोकल वेंडर्स के जरिए यह मिल जाती है।
क्या होती है ई-सिगरेट
ई-सिगरेट एक तरह की इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलिवरी सिस्टम डिवाइस है। यह डिवाइस बैटरी से चलता है और निकोटिन को शरीर तक पहुंचाता है। ई-सिगरेट में सामान्य सिगरेट की तरह तंबाकू नहीं भरा होता और न ही इसे पीने के लिए जलाने की जरूरत होती है। इसमें तंबाकू की जगह एक कार्टेज में लिक्विड निकोटिन भरा रहता है। खत्म होने पर कार्टेज को दोबारा से भरा जा सकता है। सिगरेट के दूसरे छोर पर एलईडी बल्ब लगा होता है जो कश लगाने पर जलता है। यह लिक्विड निकोटिन गर्म होकर भाप बन जाता है। इस तरह ई-सिगरेट पीने वाले लोग धुएं की बजाय भाप खींचते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने भेजा था नोटिस
कुछ समय पहले ई-सिगरेट बेचने वाली वेबसाइटों के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को कहा था कि इस बारे में आने वाली किसी भी शिकायत की जानकारी केंद्रीय पोर्टल पर भी साझा की जाए। मंत्रालय ने कई वेबसाइटों को नोटिस भेजकर ई-सिगरेट की बिक्री बंद करने का निर्देश दिया था।