हालांकि, सरकार के इस फैसले को लेकर सियासी हलकों में चर्चाएं भी खूब हैं। नए जिलों के गठन को लेकर सरकार समीक्षा भी कर रही है। इसके लिए कैबिनेट सब कमेटी भी बनी हुई है। इसके अलावा सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में भी एक कमेटी भी समीक्षा कर रही है। वहीं, पांच नए जिलों में ही मंत्री झंडारोहण करने क्यों जा रहे हैं। दिलचस्प यह भी है कि प्रदेश में करीब एक दर्जन पुराने और बड़े जिले ऐसे हैं, जहां पर झंडारोहण के लिए किसी भी मंत्री की ड्यूटी नहीं लगाई गई है, जबकि पूर्व में इन जिलों में मंत्री ही ध्वजारोहण करते आए हैं।
इन नए जिलों में झंडारोहण के लिए मंत्रियों की ड्यूटी
नए जिलों में डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा दूदू, अविनाश गहलोत ब्यावर, जवाहर सिंह बेढ़म डीग, केके बिश्नोई सांचौर और गजेंद्र सिंह खींवसर फलौदी में झंडारोहण करेंगे। हालांकि राजधानी जयपुर के एसएमएस स्टेडियम में होने वाले राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा झंडारोहण करेंगे। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी किए हैं। इन जिलों में ये मंत्री करेंगे ध्वजारोहण
दिया कुमारी दौसा, किरोड़ीलाल मीना सवाईमाधोपुर, राज्यवर्धन राठौड़ भरतपुर, मदन दिलावर कोटा, कन्हैया लाल टोंक, जोगाराम पटेल जोधपुर, सुरेश सिंह रावत अजमेर, सुमित गोदारा बीकानेर, जोराराम कुमावत पाली, बाबूलाल खराड़ी उदयपुर, हेमन्त मीना प्रतापगढ़, संजय शर्मा अलवर, गौतम कुमार चित्तौड़गढ़, झाबर सिंह खर्रा सीकर, हीरालाल नागर बूंदी, ओटा राम देवासी सिरोही, मंजू बाघमार नागौर, विजय सिंह भीलवाड़ा और जोगेश्वर गर्ग जालौर में झंडारोहण करेंगे।
पुराने जिलों में संभागीय आयुक्त और कलक्टर करेंगे
जिन पुराने और बड़े जिलों में संभागीय आयुक्त और कलक्टर ध्वजारोहण करेंगे। उनमें झुंझुनूं, चूरू, बाड़मेर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, राजसमंद, धौलपुर और करौली हैं।