प्रदेश में
जयपुर, अजमेर से गुजरने वाले नेशनल हाईवे पर ही वाहन चालक नहीं लुट रहे, बल्कि नागौर, पाली, जोधपुर, बीकानेर, भरतपुर, टोंक, कोटा, सवाईमाधोपुर से गुजर रहे कई नेशनल हाईवे पर भी वाहन चालक टोल के नाम पर लूटे जा रहे हैं। इन जिलों से गुजर रहे कई नेशनल हाईवे ऐसे हैं, जहां दो टोल के बीच की दूरी 60 किलोमीटर नहीं है।
कहीं दो टोल के बीच की दूरी 25 किलोमीटर है तो कहीं 40 किलोमीटर की दूरी पर ही दो टोल प्लाजा बने हुए हैं। नेशनल हाईवे पर दिन प्रतिदिन ट्रैफिक बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में संभवत: एकाध ही ऐसा नेशनल हाईवे होगा, जहां ट्रैफिक की कमी होगी। ज्यादातर पर ट्रैफिक की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कोरोना काल के बाद तो वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ी है। ऐसे में जनता को नितिन गडकरी के संसद में दिए गए बयान के बाद टोल देने में राहत की उम्मीद जगी थी, लेकिन हुआ कुछ नहीं।
ट्रैफिक बढ़ा, लेकिन जनता को राहत नहीं
नेशनल हाईवे पर दिन प्रतिदिन ट्रैफिक बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में संभवत: एकाध ही ऐसा नेशनल हाईवे होगा, जहां ट्रैफिक की कमी होगी। ज्यादातर पर ट्रैफिक की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कोरोना काल के बाद तो वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ी है।
ऐसे में जनता को नितिन गडकरी के संसद में दिए गए बयान के बाद टोल देने में राहत की उम्मीद जगी थी, लेकिन हुआ कुछ नहीं। नितिन गडकरी ने संसद में साफ शब्दों में कहा था कि एक टोल से दूसरे टोल की दूरी 60 किलोमीटर होगी। यदि इससे कम की दूरी हुई तो एक टोल हटेगा, लेकिन संसद में दिए गए इस बयान का जमीन पर अभी तक कोई असर नहीं दिखा है।
जयपुर-आगरा: भरतपुर की सीमा में दो टोल संचालित हैं। इनकी दूरी मात्र 40 किमी. है।
टोंक-सवाई माधोपुर-उनियारा–
गुलाबपुरा: टोंक-सवाईमाधोपुर जिले में मात्र तीस किलोमीटर की दूरी पर ही दो टोल संचालित हैं।
जयपुर-कोटा: टोंक के सोनवा और टोंक-सवाईमाधोपुर नेशनल हाइवे के बीच दो टोल की दूरी मात्र 40 किलोमीटर ही है।
नागौर जिले में गोगेलाव टोल से हरिमा टोल की दूरी मात्र 24 किमी. ही है। गोगेलाव टोल बीकानेर रोड पर है और हरिमा टोल लाडनूं रोड पर है। बीकानेर रोड से नागौर होते हुए लाडनूं की तरफ जाना है तो उसे 24 किमी. में दो बार टोल देना होगा।
जोधपुर से बीकानेर जाना है तो उसे टांकला और गोगेलाव के पास मात्र 34 किलोमीटर में दो बार टोल देना होगा।