विस्थापितों के ‘कब्ज़ों’ पर चला पीला पंजा
दरअसल, जैसलमेर मुख्यालय के अमरसागर गांव क्षेत्र में यूआईटी ने मंगलवार को अतिक्रमणों पर पीला पंजा चलाया। पुलिस बल की मौजूदगी में जेसीबी की मदद से हटाए गए कच्चे-पक्के कब्जों को हटाए जाने का वहां बसे पाकिस्तान से आए शरणार्थी परिवारों ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि वे पाकिस्तान से परेशान हाल होकर अपने मूल निवास स्थान पर आए हैं, लेकिन अब उन्हें यहां भी बसने नहीं दिया जा रहा है।
विस्थापितों ने प्रशासन से उन्हें रहने के लिए कहीं अन्यत्र स्थान उपलब्ध करवाए जाने की मांग की। बताया जा रहा है कि यूआईटी ने अमरसागर गांव क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को अंजाम दिया है। जिन अतिक्रमणों पर पीला पंजा चला है वो पाकिस्तान के विस्थापित हिन्दू परिवार बताये जा रहे हैं।
पुलिस बल की मौजूदगी में कार्रवाई
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को भारी पुलिस फ़ोर्स की मौजूदगी में अंजाम दिया गया। कार्रवाई के कुछ वीडियो फुटेज भी सामने आये जिसमें पाक से विस्थापित परिवारों के कब्ज़ों को ध्वस्त किया जा रहा है। तेज़ धूप और भीषण गर्मी के बीच हुई इस कार्रवाई के दौरान विरोध भी हुआ लेकिन यूआईटी ने अपने मिशन को अंजाम देने का काम पूरा किया। इस बीच विस्थापित परिवार की महिलाएं और बच्चे भीषण गर्मी में सड़क पर आने को मजबूर हो गए। उनका रो-रोकर बुरा हाल रहा। सामान सड़क पर बिखरा रहा और इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था।
डाबी के ‘एक्शन’ का हो रहा विरोध
जैसलमेर में पाक विस्थापित हिन्दू परिवारों के कब्ज़ों पर पीला पंजा चलाने का मामला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर चर्चा का विषय बना हुआ है। यूज़र्स का एक बड़ा तबका इस कार्रवाई के साथ ही कलक्टर की कार्यशैली के विरोध में उतर पड़ा है। यही वजह है कि ये चर्चा टॉप ट्रेंड की फहरिस्त में दिखने लगी है। मामले को लेकर पाक विस्थापितों ने जिला कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है।
गलत तरीके से हो रहा प्रचार जैसलमेर कलक्टर टीना डाबी ने पत्रिका से खास बातचीत में कहा कि जैसलमेर में अतिक्रमणों पर हुई कार्रवाई को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है। वास्तविकता ये है कि कुछ लोग सरकार की बेशकीमती ज़मीन पर काफी समय से अवैध कब्ज़ा किए बैठे थे, जिन्हें जगह खाली करने को लेकर कई बार आग्रह किया गया था। लेकिन उसके बाद भी कब्ज़ा जमाये रखने पर यूआईटी ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की है।