महिलाओं एवं बालिकाओं को सबल और सक्षम बनाने के लिए राजस्थान सरकार प्रतिबद्ध है। बालिकाएं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें इसके लिए उच्च शिक्षा में पढ़ने वाली बालिकाओं को दस हजार स्कूटी वितरित करने की स्वीकृति भी दी गई है।
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लाडो प्रोत्साहन योजना के माध्यम से अब प्रदेश में बालिकाओं को जन्म से ही आर्थिक संबल मिलेगा। जिससे उनको स्वस्थ, सुरक्षित, शिक्षित विकास के समुचित अवसर मिल सकें। लाडो प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत बालिका का जन्म होने पर उसे एक लाख रुपए का सेविंग बॉन्ड दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना में अब तक दी जा रही रू 5000 की राशि में रू 1500 की बढ़ोतरी की गई है। अब इस राशि को रू 6500 कर दिया गया है।
निदेशालय समेकित बाल विकास सेवाएं के अंतर्गत राज्य के 365 सामन्य आंगनबाड़ियों को प्ले स्कूल के जैसे विकसित कर आदर्श आंगनबाड़ी बनाने के लिए वित्तीय स्वीकृति दे दी गई है। उक्त आदर्श आंगनबाड़ियों में प्ले स्कूल जैसी समस्त आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। प्रत्येक आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र के निर्माण पर लगभग 5 लाख रुपए व्यय किया जाएगा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और साथिनों के मानदेय में भी 10 प्रतिशत की वृद्धि की स्वीकृति दी गई है। बढ़ा हुआ 10 प्रतिशत मानदेय अप्रैल माह से शुरू हो रहे वित्तीय वर्ष में मिलना शुरू हो जाएगा।
राज्य में पहली बार ऐतिहासिक निर्णय लिया जाकर आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अविवाहित महिलाओं के लिए भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका बनने का रास्ता खोलते हुए सभी विवाहित एवं अविवाहित महिलाएं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के मानदेय सेवा के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत समेकित बाल विकास सेवाएं के सुदृढ़ीकरण के लिए 6204 मिनी आंगनबाड़ियों को क्रमोन्नत कर मुख्य आंगनबाड़ी बनाए जाने की स्वीकृति दी गई है। इससे प्रदेश में माँ और बच्चों को राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ बेहतर तरीके से मिल सकेगा।
उक्त क्रमोन्नत आंगनबाड़ियों पर 6204 आंगनबाड़ी सहायिकाओं की मानदेय सेवा में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को मंजूरी दी गई है।
राज्य में जो साथिन 2 वर्ष की कार्य निरंतरता का अनुभव रखती हैं उन्हें भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका हेतु आवेदन करने पर अनुभव में वरीयता दिये जाने की स्वीकृति दी गई है। इसके लिए उन्हें बोनस में चार अंक दिए जाएंगे, जिससे मानदेय सेवा में उनका चयनित होना और आसान होगा।
उक्त क्रमोन्नत आंगनबाड़ियों को 1 मार्च 2024 से शुरू कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए देश में चल रही लखपति दीदी योजना के अंतर्गत प्रदेश में वर्तमान में कार्यरत स्वयं सहायता समूहों में से दो लाख 80 महिलाएं एवं उनके परिवार रुपए 1 लाख से अधिक की वार्षिक आमदनी कर रहे हैं। इस योजना को गति प्रदान करते हुए आगामी 3 वर्षाे में 11 लाख परिवारों की आय को रुपए 1 लाख वार्षिक तक बढ़ाने के कार्य किया जा रहा है।
राज्य सरकार द्वारा महिला सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। राज्य के 1024 पुलिस थानों में महिला डेस्क की स्थापना की गई है। प्रत्येक जिले में एंटी रोमियो स्क्वाड का गठन किया गया है। लाडली सुरक्षा योजना के तहत महिलाओं के विरुद्ध होने वाली छेड़छाड़ की रोकथाम और अपराधों की रोकथाम के लिए राज्य के प्रत्येक जिले में सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के तहत बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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