राजस्थान की बेटी अर्जुन अवॉर्ड के लिए चुनी गई, कौन है पैरालंपिक शूटर मोना अग्रवाल, जानें
Who is Mona Agarwal : राजस्थान की बेटी अर्जुन अवॉर्ड के लिए चुनी गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 17 जनवरी को सम्मानित करेंगी। जानिए कौन है पैरालंपिक शूटर मोना अग्रवाल?
Who is Mona Agarwal : राजस्थान की बेटी पैरालंपिक शूटर मोना अग्रवाल को अर्जुन अवॉर्ड के लिए चुना गया है। मोना अग्रवाल ने इस बार के पेरिस पैरालंपिक खेलों में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 17 जनवरी को मोना अग्रवाल को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित करेंगी। मोना अग्रवाल को बचपन में पोलियो हो गया था। जिस वजह से वह चलने में दिक्कत महसूस करती थी। पर उनकी उपलब्धियां लड़कियों के लिए मिसाल बन गई हैं। खेल मंत्रालय ने अर्जुन पुरस्कार के लिए 32 खिलाड़ियों को चुना हैं। इसमें 17 पैरा एथलीट भी शामिल हैं। जानें राजस्थान सहित पूरे देश का दिल जीतने वाली मोना अग्रवाल आखिरकार कौन हैं?
राजस्थान के सीकर जिले में मोना अग्रवाल (37 वर्ष) का जन्म हुआ था। बचपन से पोलियोग्रस्त होने की वजह से वह चलने फिरने में असमर्थ हो गई थीं। खेल के साथ-साथ मोना ने MBA की पढ़ाई की। अपने पति व दो बच्चे संग मोना अग्रवाल जयपुर में रहती हैं। नौकरी और परिवार की जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए मोना ने खेल में अपनी रुचि को बरकरार रखा। बावजूद इसके, मोना अग्रवाल खेल के क्षेत्र में लड़कियों के लिए एक मिसाल बन गईं हैं। समाज में उनकी एक अलग पहचान बन गई है।
मेहनत रंग लाती ही है। मोना अग्रवाल की प्रतिभा और काबिलियत ने उन्हें वह मुकाम दिलाया, जो लोगों का सपना होता है। बचपन से ही मोना अग्रवाल की खेल में रुचि थी। उन्हें एथलेटिक्स, शॉटपुट, डिस्कस, जेवलिन थ्रो पसंद था। इन खेलों में वह अपना हाथ आजमाना चाहती थीं। पर वर्ष 2021 में उन्होंने शूटिंग को चुना।
मोना का खेल सफर
मोना पहली बार 2023 में क्रोएशिया के ओसिजेक में होने वाले डब्ल्यूएसपीएस विश्व कप में चुनी गईं। यहां मोना ब्रॉन्ज मेडल पर अपना कब्जा जमाया। फिर 2022 एशियाई पैरा खेलों और लीमा में 2023 डब्ल्यूएसपीएस चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया। नई दिल्ली में हुए WSPS विश्व कप 2024 में मोना ने स्वर्ण पदक जीता। 10 मीटर एयर राइफल एसएच-1 कैटेगरी में गोल्ड जीतकर 2024 पेरिस पैरालंपिक का कोटा हासिल कर लिया था।
पैरा शूटर और पेरिस पैरालंपिक की कांस्य विजेता मोना अग्रवाल कहा अर्जुन अवॉर्ड पाने वाले खिलाड़ियों की सूची में मेरा नाम आना मेरे लिए किसी सपने के सच होने जैसा है। पेरिस पैरालंपिक से पूर्व मुझे कोई जानता तक नहीं था। जब ओलंपिक कोटा हासिल हुआ उसके बाद मेरी स्थिति बहुत खराब थी। मेरे पास न तो उच्च स्तर के इक्यूपमेंट थे और न ही कोचिंग। परन्तु मन में विश्वास था कि हर हाल में पदक जीतना है। यह बात दिन-रात मेरे जहन में चलती थी। खैर हम पेरिस रवाना हुए तब तक कोई नहीं जानता कि मोना पदक जीत सकेगी और मैंने सबको चकित करते हुए पहले ही बड़े टूर्नामेंट में पदक जीत और अब अर्जुन अवॉर्ड में मेरा चयन होना। इस पुरस्कार का सपना हर खिलाड़ी देखता और अब मेरा सपना सच हो गया।
मल्टीपल ट्रेनिंग की तैयारी कर रही हूं
मोना ने बताया कि 2025 में कोई बड़ी प्रतियोगिता नहीं है। ऐसे में मैं पेरिस पैरालंपिक के दौरान जो कमियां मुझमें थीं उन्हें दूर कर रही हूं। मैं मल्टीपल ट्रेनिंग की भी तैयारी कर रही हूं। जिसमें देश के अलग-अलग हिस्सों में ट्रेनिंग करना शामिल है। इस तरह के अभ्यास से मैं हर परिस्थिति में शूटिंग के लिए तैयार हो जाऊंगी।
अभी काफी प्रिपरेशन की जरूरत
मोना ने कहा कि अभी काफी प्रिपरेशन की जरूरत है क्योंकि अभी मुझे काफी वित्तीय मदद की जरूरत है। मैं अपने इक्विपमेंट नए सिरे से तैयार करना चाहूंगी। वहीं अच्छे कोच से ट्रेनिंग लेने की मेरी इच्छा है। हाल फिलहाल मैं जयपुर में ही तैयारी कर रही हूं। अगर मौका मिला तो बाहर जाकर ट्रेनिंग करना चाहूंगी।