धरने प्रदर्शनों में न सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो रही है और न ही मास्क लगाए जा रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या कोरोना प्रोटोकॉल के नियम केवल आमजन पर ही लागू होते हैं और राजनीतिक दलों पर इनके नियम लागू नहीं होते हैं।
वहीं शनिवार को जोरावर सिंह गेट के पास महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां जमकर उड़ाई गई। खुद मुख्य सचेतक महेश जोशी के सामने सब कुछ होता रहा लेकिन उन्होंने किसी को भी इस बारे में टोकना तक मुनासिब नहीं समझा। स्वयं मुख्य सचेतक महेश जोशी, महापौर मनीष गुर्जर,डिप्टी मेयर असलम फारूकी सहित कई नेता ऊंट गाड़ियों पर चढ़कर प्रदर्शन करने लगे। धरने प्रदर्शन 200 से ज्यादा लोग जमा हो गए, जिनमें कई लोग ऐसे भी थे जिन्होंने चेहरों पर पर मास्क ही नहीं लगाए हुए थे। ऐसे में साफ है कि कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन ही अब गहलोत सरकार के लिए कोरोना स्प्रेडर की भूमिका निभा रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर महंगाई के खिलाफ 7 से 17 जुलाई तक प्रदेश कांग्रेस की होने वाले विरोध प्रदर्शनों के तहत शनिवार को जयपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों व्यापार उद्योग प्रकोष्ठ, खेलकूद प्रकोष्ठ और अभाव अभियोग प्रकोष्ठ की ओर से महंगाई के खिलाफ पेट्रोल पंपों के बाहर प्रदर्शन किया गया। इससे पहले 7 जुलाई को शहीद स्मारक पर महिला कांग्रेस की ओर से किए गए विरोध प्रदर्शन में भी सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गई थी और मौके पर तैनात पुलिस बल भी केवल मूक दर्शक की भूमिका में ही नजर आया था।