एसीएस ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विदेशों से कोयला आयात के लिए राज्य सरकार स्वयं के स्तर से खरीद संभावना के साथ ही केन्द्र सरकार की ओर से सुझायेनुसार एनएसपीसी, एनटीपीसी से भी समन्वय बनाया जा रहा है, ताकि राज्य के तापीय विद्युत गृहों के लिए जल्दी आयातीत कोयला मिल सके। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही प्रदेश के निजी क्षेत्र के विद्युत उत्पादकों से भी प्रदेश में अधिक बिजली प्राप्त करने के लिए प्रयास शुरु कर दिए गए हैं।
एसीएस ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में कोल संकट के दौरान सभी संबंधितों से समन्वय कर संभावित विकल्पों की कार्ययोजना तैयार करने व कोआर्डिनेशन के लिए ऊर्जा विकास निगम के निदेशक पीटी प्रवीण स्वरुप सक्सैना को ओएसडी बनाया गया है। सक्सैना नियमित समीक्षा कर राज्य सरकार को प्रगति से अवगत कराएंगे।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की कोयला खदानों में खनन की स्वीकृति मिलने में हो रही देरी को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गंभीर है और ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी के साथ उन्होंने दिल्ली जाकर केन्द्र सरकार के समक्ष राजस्थान का पक्ष रखा।दिल्ली में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, केन्द्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव, कोल सचिव अनिल कुमार जैन व अतिरिक्त सचिव कोल विनोद तिवारी सहित कोल व रेलवे के शीर्ष अधिकारियों के साथ चर्चा कर राजस्थान में कोयला संकट के कारण आसन्न कोयला संकट को देखते हुए राज्य का पक्ष रखा है। केन्द्र सरकार से प्रदेश को कोल इंडिया से अतिरिक्त कोयला आवंटित करने, वैकल्पिक खदान से कोयला उपलब्ध कराने, रेलवे की रैक की उपलब्धता बढ़ाने सहित विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा हुई। केन्द्र सरकार स्तर पर उच्च स्तरीय चर्चा सकारात्मक रही है और केन्द्र सरकार ने सभी संभावित विकल्पों पर सहयोग का विश्वास दिलाया है।