IITM पुणे के सहयोग से विकसित हुआ अर्ली वार्निंग सिस्टम
राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आइआइटीएम) पुणे के सहयोग से जयपुर शहर के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित करवाया है। इससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) और प्रदूषण का पूर्वानुमान लगाया जा रहा है। इसकी जानकारी मंडल की वेबसाइट पर दी जा ही है। यह भी पढ़ें –
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राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने
जयपुर के बाद अलवर और भिवाड़ी में भी अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने की तैयारी शुरू की है। इसके लिए भी आइआइटीएमए पुणे का सहयोग लिया जाएगा।
एक्यूआइ की पहले से ही उपलब्ध हो रही है जानकारी
अर्ली वार्निंग सिस्टम से प्रदूषण के स्तर और एक्यूआइ की पहले से ही जानकारी उपलब्ध हो रही है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि संबंधित विभाग
प्रदूषण नियंत्रण को लेकर पहले से ही कार्रवाई शुरू कर देंगे।
विजय एन, सदस्य सचिव राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल
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दिन – एक्यूआइ – अनुमान20 दिसंबर – 170 से 204
21 दिसंबर – 190 से 204
यह होगा फायदा
1- वायु प्रदूषण का पूर्वानुमान के दौरान अगर एक्यूआइ अधिक आ रहा है तो प्रदूषण से बचाव के उपाय शुरू किए जा सकते हैं। 2- नगर निगम और जेडीए के निर्माण कार्यों पर रोक लगाई जा सकती है। 3- जिन क्षेत्रों में वायु प्रदूषण अधिक हो रहा हैए वहां पानी का छिड़काव आदि कर सकते हैं।
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वायु प्रदूषण का पूर्वानुमान बहुत उपयोगी
वायु प्रदूषण का पूर्वानुमान बहुत ही उपयोगी साबित होगा। वायु प्रदूषण खासकर छोटे बच्चोंए बुजुर्गों व श्वास रोगियों को अधिक नुकसानदायक हैए जब वायु प्रदूषण का पहले ही पता चल जाएगा तो ऐसे लोगों को बाहर निकलने से बचना चाहिएए जरूरत पड़े तो तीन लेयर वाला मास्क लगाकर बाहर निकले। उस दिन मॉर्निंग वॉक से बचें। पूर्वानुमान से हृदयघात व अस्थमा के अटैक से बचा जा सकेगा।