बुधवार शाम को भी ऐसा ही हुआ, बगैर किसी पूर्व सूचना के ओटीएस चौराहे पर मुख्यमंत्री के काफिले के लिए लोगों का रास्ता रोक दिया गया। इस दौरान लोग न केवल जाम में फंसे रहे, बल्कि दो एंबुलेंस भी अटक गईं। लंबे इंतजार से परेशान लोगों की यह पीड़ा थी कि अगर उन्हें पता होता तो वे इस रास्ते से आते ही नहीं।
कभी दी थी राहत
मुख्यमंत्री भजनलाल ने फरवरी में वीवीआइपी मूवमेंट के चलते ट्रैफिक जाम से आमजन को होने वाली परेशानी को देखते हुए निर्देश दिए थे कि अब आम आदमी की तरह सिग्नल पर उनका काफिला भी रुकेगा। सीएम के इस फैसले की जनता ने काफी सराहना की थी।
अस्पताल जाना था…
महेश नगर निवासी मूलशंकर सैनी ने बताया कि वह जवाहर सर्कल स्थित एक निजी अस्पताल में अपने किसी परिचित से मिलने जा रहे थे। इस दौरान वीवीआइपी काफिला आने की वजह से वह अटक गए। वीवीआइपी मूवमेंट के चलते जाम में फंसे
वाहन चालक हरकेश ने बताया कि उन्हें जरूरी काम से सांगानेर जाना था, लेकिन वह काफी देर से इंतजार करते रहे कि कब वीवीआइपी जाएं और रास्ता साफ हो। टोंक फाटक निवासी प्रवीण शर्मा ने बताया कि उन्हें मालवीय नगर में अपने किसी परिचित से मिलने जाना था। वहां से आने के बाद जरूरी काम निपटाने थे। वीवीआइपी मूवमेंट की वजह से वह जाम में फंस गए। इससे उनके जरूरी काम छूट गए।
ये होना चाहिए
1. वैकल्पिक मार्गों का उपयोग: वीवीआइपी काफिलों के लिए अलग रास्तों का उपयोग किया जाना चाहिए ताकि मुख्य मार्गों पर यातायात सामान्य बना रहे। 2.पूर्व सूचना: वीवीआइपी मूवमेंट के समय रूट चार्ट पहले से जारी किया जाए, जिससे लोग वैकल्पिक रास्ते चुन सकें। 3.
योजना बनाएं: पुलिस को आम जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए वीवीआइपी मूवमेंट की योजना बनानी चाहिए, ताकि आम जनता न फंसे।