खुद के मोबाइल में एप डाउनलोड कर बीमा कर सकते हैं पशुपालक
पशुपालकों को राहत देने के लिए
मंगला पशु बीमा योजना शुरू की गई है। इसके तहत गत महीने सरकार ने पशुपालकों से आवेदन लेने शुरू किए। 12 जनवरी आवेदन की अंतिम तिथि थी। परंतु सर्वर के धीरे चलने की वजह से लक्ष्य की तुलना में अब तक आवेदन नहीं हो पाए हैं। ऐसे में सरकार ने अब बीमा करवाने की अवधि को बढ़ाकर 22 जनवरी कर दी है। सरकार के इस कदम से पशुपालकों को बड़ी राहत मिली है।
पशुपालक खुद के मोबाइल में एप डाउनलोड करके अथवा ई-मित्र पर जाकर पशुओं का बीमा करवाने को लेकर पंजीयन करवा सकते हैं।
अवधि को 10 दिन के लिए बढ़ाया
बताया जा रहा है कि जब से आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई, तभी से मंगला पशु बीमा योजना पोर्टल का सर्वर धीरे चल रहा था। इस वजह से समुचित तरीके से बीमा पंजीयन कार्य पूर्ण नहीं हो सका। ऐसे में पशुपालकों की मांग थी कि सरकार बीमा पंजीयन की अवधि को और आगे बढ़ाए। जिससे वंचित पशुपालकों को बीमा करवाने की सुविधा मिल सके। इस मांग पर गौर करते हुए सरकार ने बीमा पंजीयन की अवधि को 10 दिन के लिए आगे बढ़ा दिया है।
बीमा के लिए पशुओं की टैगिंग जरूरी, जानें और जरूरी बातें
बीमा के लिए पशुओं की टैगिंग जरूरी है। चयनित पशुपालक के अधिकतम 2 दुधारू पशु (गाय, भैंस अथवा दोनों) 10 बकरी, 10 भेड़, एक उष्ट्र वंश पशु का नि:शुल्क बीमा होगा। यह बीमा उन्हीं पशुओं का होगा जो किसी अन्य योजना में बीमित नहीं होंगे। यह बीमा एक वर्ष के लिए होगा। पशुपालक को इसके लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा। बीमा राशि का निर्धारण पशु की नस्ल, उम्र व दुग्ध उत्पादन क्षमता के आधार किया जाएगा। लेकिन किसी भी स्थिति में बीमा की अधिकतम राशि चालीस हजार रुपए से अधिक नहीं होगी। पशुओं के बीमा के लिए निर्धारित उम्र अनुसार गाय की उम्र 3 से 12 वर्ष और भैंस की 4 से 12 वर्ष होनी चाहिए।
21 कार्य दिवस पशुपालक को होगा भुगतान
मंगला पशु बीमा योजना का क्रियान्वयन ट्रस्ट मोड पर राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग द्वारा किया जा रहा है। जबकि पशुपालन विभाग नोडल विभाग है। मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना में समस्त बीमा प्रक्रिया उपरांत पशुपालक को मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से बीमा पॉलिसी का लिंक प्राप्त होगा। यदि बीमित पशु का टैग किसी कारणवश गुम हो जाता है तो उस स्थिति में पशुपालक को बीमा विभाग को सूचना देनी होगी। बीमित पशु की मृत्यु होने पर पशुपालक द्वारा शीघ्र ही इसकी सूचना बीमा विभाग को देनी होगी। बीमा विभाग की ओर से 21 कार्य दिवस के भीतर मृत बीमित पशु की दावा राशि का भुगतान सम्बन्धित पशुपालक को किया जाएगा।