जो पेपर लीक लिप्त नहीं, उन्हें सजा क्यों?
बताते चलें कि उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा रद्द करने के मुद्दे पर दोनों पक्ष सक्रिय हैं। सोशल मीडिया पर चल रहे अभियान के साथ ही युवाओं की भीड़ शनिवार को कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के आवास पर पहुंची। वहीं, आरपीए में ट्रेनिंग ले रहे थानेदारों के परिजन भी अब अपना पक्ष रखने के लिए आगे आए हैं। परिजन रविवार को शहीद स्मारक पर धरना देंगे। उनका कहना है कि जो पेपर लीक में लिप्त नहीं हैं उन्हें सजा क्यों दी जाए। भर्ती रद्द करने की मांग को लेकर युवा पहले किरोडी़ लाल मीणा के आवास पर पहुंचे। युवकों ने वहां मनोज मीणा अन्य के नेतृत्व में धरना दिया। उन्होंने रविवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में भर्ती परीक्षा रद्द किए जाने का निर्णय करने की मांग की है। इसके बाद विकास विधूड़़ी व अन्य नेतृत्व में गोपालपुरा बाइपास स्थित रिद्धि-सिद्धि चौराहे पर कैंडल मार्च निकाला। इस दौरान पुलिस की युवकों से झड़प भी हुई। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उनको खदेड़ दिया।
छुट्टियों पर गए कई थानेदार आरपीए लौटे
उधर, आरपीए से छुट्टी लेकर गए कई थानेदार छुट्टी पूरी होने से पहले ही लौट आए हैं। एक साथ छुट्टी लेने के साथ ही मामला चर्चा में आया था। ऐसे में अपने को पेपर लीक से अलग बताने वाले प्रशिक्षु थानेदार वापस लौट आए। आरपीए से बिना सूचना दिए बाहर जाने वाले थानेदारों पर निगरानी के लिए आरपीए प्रशासन औचक हाजिरी लेने लगा है। परिजन की ओर से अभिषेक शर्मा ने कहा कि मेहनत और ईमानदारी से जिन्होंने परीक्षा में सफलता प्राप्त की है उनको न्याय देने के लिए भर्ती को निरस्त नहीं करना चाहिए। जांच में जो भी दोषी पाया जाए उसको कड़ी सजा मिलनी चाहिए।