राठौड़ ने बताया कि प्रदेश में क्षेत्रीय हवाई संपर्क में सुधार करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नागरिक विमानन नीति 2024 को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। यह नीति विमानन प्रशिक्षण सुविधाओं, विमानन रखरखाव सेवाओं को बढ़ाने और एयरोस्पेस गतिविधियों को विकसित करने पर केन्द्रित है। इसके तहत किशनगढ़, झालावाड़ और भीलवाड़ा में फ्लाइंग स्कूल खोले जाएंगे और कोटा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाया जाएगा। इसके लिए अगस्त में एमओयू होगा। प्रदेश के विभिन्न हवाई अड्डों पर कार्गों सुविधा प्रारम्भ की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत प्रदेश की पुरानी हवाई पट्टियों को मरम्मत कर पुनः उड़ान योग्य बनाया जाएगा। यह हवाई पट्टियां अभी इस्तेमाल नहीं हो रही हैं।
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जयपुर में बनेगी एयरोसिटीराठौड़ ने बताया कि जयपुर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास एयरोसिटी बनेगी। इसमें होटल, रेस्त्रां सहित विभिन्न आधारभूत सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इससे लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। इसको लेकर जल्द काम शुरू होगा।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि गांधी वाटिका न्यास, जयपुर अधिनियम-2023 को समाप्त करने के लिए विधानसभा में विधेयक लाया जाएगा। 2023 में लाए गए अधिनियम की विभिन्न धाराओं में उपाध्यक्ष को असीमित वित्तीय शक्तियां दी गई थीं। न्यास से संबंधित किसी भी प्रकार की स्थावर सम्पत्ति का विक्रय, बंधक या निपटान करने का अधिकार उपाध्यक्ष को दिया गया था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गांधी दर्शन संग्रहालय का संचालन किया जाता रहेगा। राज्य में अन्य विभागों के अधीन संचालित संग्रहालयों का संचालन संबंधित विभाग द्वारा ही किया जा रहा है, ऐसी स्थिति में गांधी दर्शन संग्रहालय के संचालन एवं प्रशासनिक क्रियान्वयन हेतु गांधी वाटिका न्यास की आवश्यकता नहीं है।
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अक्षय ऊर्जा नीति 2023 में संशोधन को मंजूरीउद्योग मंत्री राठौड़ ने बताया कि बैठक में अक्षय ऊर्जा नीति 2023 एवं राजस्थान भू-राजस्व नियम, 2007 के प्रावधानों में संशोधन किए जाने संबंधी प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया है। राजस्थान को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अब तक राज्य सरकार की ओर से करीब सवा दो लाख करोड़ के एमओयू किए जा चुके हैं। अब इन संशोधनों से प्रदेश में बिजली क्षेत्र में 2 लाख करोड़ के नए निवेश का मार्ग प्रशस्त होगा। राज्य में उपलब्ध सौर विकिरण का समुचित उपयोग करने हेतु आवंटन नियमों में बदलाव किया गया है, जिससे सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन डीएलसी दर के 7.5 प्रतिशत पर किया जा सकेगा। साथ ही, अब 2 हैक्टेयर भूमि पर एक मेगावाट की दर से सौर ऊर्जा उत्पादन हो सकेगा।
उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचन्द्र बैरवा ने बताया कि दानदाताओं को सम्मानित करने एवं प्रोत्साहन करने के उद्देश्य से चूरू जिले के राजकीय महाविद्यालय साहवा का नामकरण मोहनी देवी चाचान राजकीय महाविद्यालय साहवा, बाड़मेर जिले के राजकीय महाविद्यालय धोरीमन्ना का नामकरण शांति देवी उदयराज गांधी राजकीय महाविद्यालय धौरीमन्ना और बीकानेर जिले के राजकीय कन्या महाविद्यालय श्रीडूंगरगढ़ का नामकरण राजकीय सदू देवी पारख कन्या महाविद्यालय श्रीडूंगरगढ़ करने की स्वीकृति मंत्रिमंडल द्वारा प्रदान की गई है।