दौसा, झुंझुंनु, देवली-उनियारा और रामगढ़ कांग्रेस के खाते की है। देवली-उनियारा के अलावा तीनों सीटों पर नेताओं के परिवार के लोगों के ही नाम आगे हैं। देवली-उनियारा पर मीना व गुर्जर नेताओं की दावेदारी ज्यादा है। खींवसर सीट आरएलपी व चौरासी सीट बीएपी के खाते की है। इन सीटों पर बीएपी और आरएलपी के साथ कांग्रेस के गठबंधन को लेकर चर्चा है, लेकिन आधिकारिक रूप से गठबंधन को लेकर स्थिति किसी नेता ने स्पष्ट नहीं की है। ऐसे में आरएलपी और बीएपी के साथ कांग्रेस भी यहां तैयारी में जुटी है।
गठबंधन पर स्थिति स्पष्ट नहीं, पार्टी में विशेष मंथन जारी
खींवसर विधानसभा सीट पर कांग्रेस-आरएलपी और चौरासी सीट पर बीएपी-कांग्रेस गठबंधन को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। ऐसे में यहां सभी अपनी-अपनी तैयारी कर रहे हैं। अभी तक गठबंधन नहीं होने से कांग्रेस नेता भी यहां दावेदारी कर रहे हैं। लेकिन कोई बड़ा नाम खुलकर सामने नहीं आ रहा। सलूबर सीट पर भी कांग्रेस फीडबैक ले रही है। यहां भी अभी कोई बड़ा नाम वर्षा में नहीं है। इन सीटों पर परिवारवाद
दौसा: दौसा विधानसभा सीट मुरारीलाल मीना के सांसद बनने से रिक्त हुई है। अब यहां उनकी पत्नी सविता मीना व पुत्री निहारिका मीना का नाम चर्चा में आगे है। वहीं, पूर्व विधायक जीआर खटाना भी जोर आजमाइश कर रहे हैं।
रामगढ़ः रामगढ़ विधानसभा सीट विधायक जुबेर खान के निधन के चलते रिक्त हुई है। अब यहां उनके छोटे पुत्र आर्यन खान का नाम चलाया जा रहा है। झुंझुनूं: विधानसभा सीट बृजेन्द्र ओला के सांसद बनने से रिक्त हुई है। अब यहां ओला की पत्नी राजबाला ओला, पुत्र अमित ओला और पुत्रवधू आकांक्षा ओला के नामों की चर्चा है।
देवली-उनियाराः हरीश मीना के सांसद बनने से देवली-उनियारा सीट रिक्त हुई है। यहां मीना के परिवार के कुछ नामों के अलावा अन्य कई बड़े नेता अंदर खाने दावेदारी कर रहे हैं।