भाजपा ने सभी सात सीटों पर ही फोकस कर रखा है, लेकिन सूत्रों के अनुसार पार्टी सात में से पांच सीटों पर ज्यादा फोकस करेगी, जिससे कम से कम तीन से चार सीटों पर जीत हासिल हो सके। पार्टी सूत्रों के अनुसार खींवसर, झुंझुनूं, दौसा, रामगढ़ और देवली-उनियारा पर पार्टी ने ज्यादा ध्यान दिया है। इसके पीछे पार्टी ने अलग-अलग कारण बताए हैं।
खींवसर सीट पार्टी ने बहुत कम अंतर से गंवाई थी। रामगढ़ सीट भी त्रिकोणीय मुकाबले में पार्टी हार गई थी। ऐसे में पार्टी का मानना है कि इन दोनों सीटों पर यदि एक होकर और मजबूत उमीदवार उतार कर चुनाव लड़ा जाए तो आसानी से जीत दर्ज की जा सकती है। झुंझुनूं सीट पर पार्टी हरियाणा पैटर्न के तहत चुनाव लड़ सकती है। देवली-उनियारा में जातिगत समीकरण को पक्ष में करने के लिए नेताओं को एक जाजम पर बैठाने के काम में जुटी हुई है।
अग्रवाल से मिले किरोड़ी, चल रहा मंथन
कृषि मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके किरोड़ीलाल मीना फैक्टर पर भी पार्टी की पूरी नजर है। मीना ने जब इस्तीफा नहीं दिया था, तब उन्हें देवली-उनियारा विस क्षेत्र का प्रभारी भी बनाया गया था। बाद में उनकी जगह किसी और को भेजा गया। दौसा विस सीट से उनके भाई भी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। दोनों ही सीटों पर किरोड़ी फैक्टर के असर का भी आंकलन किया जा रहा है। किरोड़ी ने दिल्ली में भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि इस दौरान दौसा सीट से किरोड़ी के भाई जगमोहन मीना के नाम को लेकर भी चर्चा हुई। जीत से सरकार के काम पर ठप्पा चाहती है पार्टी
प्रदेश में भाजपा की सरकार को बने दस माह हो चुके हैं। चुनाव परिणाम आते-आते भजनलाल सरकार का कार्यकाल एक साल के आस-पास पहुंच जाएगा। भाजपा लगातार यह दावा कर रही है कि जनहित में दस माह में ही कई बड़े फैसले लिए गए हैं। ऐसे में भाजपा उपचुनावों में ज्यादा सीटें जीत कर सरकार के दावों पर ठप्पा लगाना चाहती है।
सलूंबर सीट पर परिवार से टिकट देने की चर्चा
सलूंबर सीट भाजपा विधायक अमृतलाल मीना के निधन की वजह से रिक्त हुई थी। सूत्रों के अनुसार पार्टी यहां सहानुभूति की लहर का फायदा लेना चाहती है। ऐसे में मीना के परिवार में से ही किसी को टिकट देने की चर्चा है। ज्यादा संभावना उनकी पत्नी को टिकट देने की है।
सीएम के विदेश जाने से पहले हुई चर्चा
मुख्यमंत्री के विदेश दौरे पर जाने से पहले ही भाजपा ने कोर कमेटी की बैठक कर ली और संभावित नामों का पैनल बना कर दिल्ली भेज दिया। प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी चर्चा कर चुके हैं। कोर ग्रुप की दिल्ली में भी बैठक हो चुकी है। अब सिर्फ अंतिम निर्णय होना बाकी है।