इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, भंवर जितेंद्र सिंह, डॉ.सीपी जोशी, सहप्रभारी चिरंजी राव, रित्विक मकवाना, पूनम पासवान भी शामिल हुए। बैठक में उपचुनावों की तैयारी को लेकर महत्वपूर्ण रणनीति तैयार हुई है।
अब कयास लगाए जा रहे हैं कि किसी भी वक्त कांग्रेस की लिस्ट आ सकती है। इस लिस्ट में कई चौंकाने वाले नाम भी आ सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक खींवसर, दौसा, देवली-उनियारा, चौरासी और सलूंबर से पार्टी किसी नए चेहरे पर दांव खेल सकती है।
सातों सीटों पर प्रत्याशी तय
दरअसल, बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए पीसीसी चीफ डोटासरा ने कहा कि विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी। ना क्षेत्रीय दलों ने हमसे गठबंधन के लिए संपर्क किया है और ना ही हमने उनसे संपर्क किया है। उन्होंने कहा कि हम सातों सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। डोटासरा ने कहा कि इंडिया गठबंधन का मामला केंद्रीय स्तर पर है, राजस्थान के उपचुनाव में नहीं। हमने सातों सीटों पर प्रत्याशी तय कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का निष्ठावान कार्यकर्ता तानाशाह सरकार से डरने वाला नहीं है।
गोविंद सिंह डोटासरा ने बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्याशियों के नाम आलाकमान को भेजे जाएंगे, अलाकमान ही अंतिम निर्णय करेगा। उन्होंने कहा कि बैठक में गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई। गठबंधन को लेकर कोई फैसला होगा तो वो दिल्ली में होगा।
लिस्ट आने से पहले विरोध शुरू
इधर, युवा नेता नरेश मीणा टिकट से पहले ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। आज उन्होंने जयपुर में बड़ा प्रदर्शन भी किया और पीसीसी वॉर रूम के बाहर उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की। इसके अलावा झुंझुनू विधानसभा सीट पर मुस्लिम न्याय मंच के कार्यकर्ता अल्पसंख्यक को टिकट देने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस नेता और मदरसा बोर्ड अध्यक्ष एमडी चौपदार ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस वॉर रूम के बाहर बड़ा प्रदर्शन किया। इन सीटों पर होगा उपचुनाव
गौरतलब है कि 13 नवंबर को राजस्थान की 7 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। प्रदेश की रामगढ़ (अलवर), दौसा, झुंझुनूं और देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी और सलूंबर सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। 2023 के विधानसभा चुनाव के परिणामों में इनमें से भाजपा के पास केवल 1 सीट थी, वहीं कांग्रेस के पास 4 सीटें थी। इसके अलावा एक सीट बाप और एक सीट RLP के पास थी।