मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सोमवार को
विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों के क्रम में संचार व्यवस्था की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में कहा कि ऐसे प्रकरणों में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 तथा भारत निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों के अनुरूप संबन्धित व्यक्ति के साथ ही टेलीकॉम कंपनियों, मीडिया प्लेटफॉर्म तथा बल्क मोबाइल संदेश प्रसारण की सेवा उपलब्ध कराने वाली फर्मों पर भी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों को आचार संहिता की पालना के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।
संचार व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए
नवीन महाजन ने टेलीकॉम कंपनियों से प्रदेश के उपचुनाव वाले 7 विधानसभा क्षेत्रों में संचार व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए, ताकि चुनाव के दौरान मतदान दलों और अधिकारियों के बीच सूचना के त्वरित आदान-प्रदान में व्यवधान नहीं हो।
उन्होंने कहा कि कमजोर मोबाइल सिग्नल वाले क्षेत्रों की पहचान कर वहां नेटवर्क सुदृढ़ीकरण के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। साथ ही, सलूम्बर और चौरासी (डूंगरपुर) विधानसभा क्षेत्रों में सुदूर इलाकों में स्थित चिन्हित 11 संचार विहीन (शैडो एरिया) मतदान केन्द्रों पर भी संचार व्यवस्था उपलब्ध करवाई जाए।
बाधा-रहित संचार व्यवस्था सुनिश्चित होगी
बैठक में मौजूद पुलिस महानिदेशक (संचार) अनिल पालीवाल ने कहा कि राजस्थान पुलिस इन सभी चिन्हित मतदान केन्द्रों पर वायरलेस नेटवर्क के माध्यम से बाधा-रहित संचार व्यवस्था सुनिश्चित करेगी। साथ ही, आवश्यकता होने पर अन्य स्थानों पर भी पुलिस वायरलेस सिस्टम के जरिए बेहतर संचार नेटवर्किंग उपलब्ध करवाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया सहित अन्य संचार माध्यमों के जरिए आचार संहिता के उल्लंघन के प्रकरणों आदि की शिकायत के लिए पुलिस हेल्पलाइन मोबाइल नंबर जारी कर दिए गए हैं। इस क्रम में पुलिस महानिरीक्षक शरत कविराज को राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी नामित किया हुआ है।