पैनल का खर्चा सरकार उठाएगी या फिर उपभोक्ता का भी उसमें हिस्सा होगा, यह अभी साफ नहीं है। इसमें वेंडर को भी शामिल करने पर मंथन चल रहा है। हालांकि, गाइडलाइन आनी बाकी है, जिसके बाद स्थिति पूरी तरह साफ होगी। राजस्थान सोलर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील बंसल का कहना है कि इस घोषणा से राजस्थान अपने ही सोलर रेडिएशन का स्वयं के लिए ज्यादा बिजली का उत्पादन और उपयोग कर पाएगा।
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इस तरह समझें
-5 लाख घरों की छत पर सोलर पैनल लगाने की घोषणा
-3 किलोवाट क्षमता तक लगाते हैं तो 15 लाख किलोवाट हुआ
-255 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन होगा इनसे प्रतिवर्ष
-300 यूनिट तक हर उपभोक्ता को फ्री बिजली मिलेगी
-180 करोड़ यूनिट बिजली फ्री मिल सकेगी
समझें दिक्कत, जिसका समाधान जरूरी…
– सब्सिडी – पूर्ववर्ती सरकार ने पिछले वर्ष जन्मे फ्री और सब्सिडी युक्त बिजली का दायरा बढ़ाकर 100 यूनिट कर दिया है। इसमें सभी घरेलू उपभोक्ता शामिल हैं। दौ सौ यूनिट तक बिल में विद्युत शुल्क के अलावा सभी चार्ज माफ हैं।
– हालात- सौ यूनिट खपत तक बिल शून्य और दो सौ यूनिट तक केवल 692.50 रुपए बिल आएगा। इनमें 1.14 करोड़ उपभोक्ता शामिल हैं। ऐसे में आशंका है कि ऐसे उपभोक्ताओं से सोलर पैनल लागत का कुछ हिस्सा लेते हैं तो भी वह क्यों लगाएगा। इसमें मुख्य रूप से बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ता मुख्य रूप से है, जिन्हें अभी लगभग फ्री बिजली मिल रही है।
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यह करें तो जनता और सरकार दोनों को फायदा…
-सरकार जो अभी फ्री बिजली दे रही है, उसे रूफटॉप सोलर मुहिम से भी जोड सकती है। इसके लिए रूफटॉप सोलर पैनल लगाने वालों के लिए राज्य स्तर पर अतिरिक्त सब्सिडी दे तो बात बने।
-कंपनियों को इससे जोड़ा जा सकता है। 300 यूनिट उस कंपनी को दें और वही उपभोक्ता के हिस्से की लागत वहन करे। लोगों को तीन सौ यूनिट फ्री का लाभ देते रहें। यह मैकेनिज्म भी काम कर सकता है।