आइये अब जानते आरएसएस प्रचारक से करियर की शुरूआत कर
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के पद तक पहुंचने वाले मदन राठौड़ से जुड़ी कई रोचक बातें। बीजेपी के दिग्गज नेताओं में शुमार मदन राठौड़ ने साल 1970 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में अपना करियर शुरू किया। इसके 10 साल बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। पाली जिला इकाई में कई पदों पर रहने के बाद वे भाजपा की राज्य इकाई में चले गए।
सुमेरपुर से दो बार बने विधायक
मदन राठौड़ पाली जिले की सुमेरपुर विधानसभा सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं। खास बात ये है कि दोनों ही बाद उन्होंने कांग्रेस नेता बीना काक को हराया था। वे पहली बार साल 2003 में सुमेरपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। इसके बाद साल 2013 में दूसरी बार विधायक बने। वे वसुंधरा राजे के शासन में साल 2015 से 2018 तक उप मुख्य सचेतक भी रहे थे। निर्दलीय ताल ठोकी तो पीएम मोदी ने मनाया
साल 2023 में विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मदन राठौड़ को टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय ताल ठोक दी। हालांकि, बाद में राठौड़ ने पर्चा वापस ले लिया था। चर्चा है कि राठौड़ को पर्चा वापस लेने के लिए खुद पीएम मोदी ने फोन किया था। विस चुनाव के ठीक ढाई माह बाद पार्टी ने उनका सम्मान करते हुए उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित किया और वे निर्विरोध राज्यसभा सांसद बने।
मदन राठौड़ का जीवन परिचय
मदन राठौड़ का जन्म 2 जुलाई 1954 को राजस्थान में पाली जिले के रायपुर में हुआ था। उन्होंने 1974 में राजस्थान विश्वविद्यालय के तहत पाली के बांगुर कॉलेज से गणित में बीएससी की डिग्री हासिल की थी। लेकिन, इससे चार साल पहले ही उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में अपना करियर शुरू किया था। साल 1980 में बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और राजनीतिक सफर पर लगातार आगे बढ़ते ही चले गए। यह भी पढ़ें: Student Union Election: राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव का सस्पेंस हुआ खत्म, भजनलाल सरकार ने ले लिया ये बड़ा फैसला