राजस्थान में अलवर जिले के मुंडावर विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी विधायक धर्मपाल चौधरी का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में लीवर की बीमारी के ईलाज के दौरान मौत हो गई। 66 वर्ष के चौधरी एक बार जिला पार्षद व 3 बार विधायक रहे।
बताया जा रहा है कि चौधरी को स्वाइन फ्लू हो जाने के बाद से ही उनके लीवर में इन्फेक्शन हो गया था। तब से उनकी तबीयत नासाज़ चल रही थी। गौरताब है कि बीजेपी की ही मांडलगढ़ विधायक कीर्ति कुमारी की भी स्वाइन फ़्लू की वजह से मौत हुई थी। वहीं इसके बाद बीजेपी के ही विधायक नरपत सिंह राजवी और अमृता मेघवाल को भी स्वाइन फ़्लू हुआ था।
वे 14 साल तक अलवर जाट महासभा के अध्यक्ष भी रहे है। ट्रांसपोर्ट व शराब कारोबार से जुड़कर अपनी पहचान बनाने वाले चौधरी दो भाइयों व एक बहन में सबसे बड़े थे। ऐसा चला राजनीतिक सफर
धर्मपाल चौधरी बानसूर के चतरपुरा वार्ड से जिला पार्षद का चुनाव जीत कर अपना राजनीतिक सफर शुरू किया। 1998 में मुंडावर विधानसभा से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़े। वर्ष दो हजार में जसवंत यादव के सांसद बन जाने पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने चौधरी को प्रत्याशी बनाया।
उपचुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने चौधरी 2003 में फिर चुनाव जीतकर सरकार में संसदीय सचिव बनाये गए। वर्ष 2008 में चुनाव कांग्रेस के मेजर ओपी यादव से हार जाने के बाद भी जनता से जुड़े रहने के चलते 2013 में रिकॉर्ड मतों से जीत कर तीसरी बार विधायक बने।
जाट बहरोड भाजपा मंडल महा सचिव व सरपंच प्रतिनिधि रमेश तक्षक के अनुसार जिले में हुए 4 साल पूर्व जिला प्रमुख चुनावों के दौरान चौधरी को स्वाइन फ्लू हो जाने के बाद से लीवर में इन्फेक्शन हो गया था। जिसके बाद से ही वह बीमार रहने लगे विधायक का वर्तमान में हैदराबाद में ईलाज चलने के बाद गुरुग्राम के मेदांता में भर्ती कराया गया था। जिनका आज तडके निधन हो गया। विधायक का अंतिम संस्कार पैतृक गांव जाट बहरोड में दोपहर 3 बजे किया जाएगा।