गहलोत ने कहा कि वे इंडिया गठबंधन की मणिपुर में बुलाई बैठक में शामिल होने जा रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि विभिन्न राज्यों में सीट शेयरिंग को लेकर तमाम तरह के प्रयास रंग लाएंगे और इसे लेकर जारी तमाम तरह की उलझने सुलझ जाएंगी।
Bhajanlal Cabinet’s First Meeting Latest Update : कब होगी नई भजनलाल कैबिनेट की पहली बैठक? मंत्रियों को विभाग बंटे बीत गया एक सप्ताह, अब इस मुद्दे पर सरकार को घेर रही कांग्रेस
जयपुर•Jan 13, 2024 / 11:25 am•
Nakul Devarshi
भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल गठन और फिर मंत्रियों के पोर्टफोलियो बंटवारे में देरी का मुद्दा उठाने वाली कांग्रेस पार्टी ने अब कैबिनेट की पहली बैठक में हो देरी का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मंत्रिमंडल गठित होने से लेकर मंत्रियों के विभागों का चार्ज संभाले एक सप्ताह से भी ज़्यादा हो गया है, लेकिन अभी तक कैबिनेट की पहली बैठक तक नहीं बुलाई गई है।
कैबिनेट बैठक में देरी, जनता में निराशा : गहलोत
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने एक बार फिर अपने एक ताज़ा बयान में भजनलाल सरकार पर निशाना साधा है। जयपुर से दिल्ली पहुंचे गहलोत ने शनिवार को मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री को अब तक कैबिनेट की पहली बैठक बुला लेनी चाहिए थी। लेकिन इसे लेकर लगातार देरी हो रही है और जनता में निराशा का महल बनता जा रहा है।
फैक्ट फ़ाइल :
– 30 दिसंबर – 22 मंत्रियों ने ली शपथ
– 5 जनवरी – मंत्रियों को विभागों का बंटवारा
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‘रिमोट कंट्रोल से चल रही सरकार’
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने मौजूदा सरकार पर रिमोट कंट्रोल से चलने का आरोप दोहराया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल और उनकी सरकार रिमोट कंट्रोल से चल रही है, जो सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल गठन और मंत्रियों को विभाग बंटवारे से लेकर ब्यूरोक्रेसी में ट्रांसफर तक में सरकार का काम ‘रिमोट कंट्रोल’ से चला है। अब कैबिनेट बैठक को लेकर देरी भी शायद इसी कारण से हो रही है।
पहली कैबिनेट बैठक जल्द, सीएम ले सकते हैं कई बड़े फैसले
प्रदेश में मंत्रिमंडल का गठन और विभागों का बंटवारा हो चुका है। अब जल्द ही कैबिनेट की बैठक बुलाए जाने की तैयारी भी शुरू हो चुकी है। सीएम भजनलाल शर्मा कैबिनेट बैठक के साथ मंत्रिपरिषद की बैठक भी लेंगे। पहली बैठक में सीएम कुछ बड़े निर्णय भी कर सकते हैं। सरकार बनने के बाद दस प्रमुख गारंटियों में से कुछ तो सरकार लागू कर चुकी है।
अब पेट्रोल-डीजल के साथ, पिछली सरकार के कामकाज की समीक्षा के लिए कमेटी गठित किए जाने का निर्णय किया जा सकता है। चर्चा है कि जिन राज्यमंत्रियों के पास स्वतंत्र प्रभार है, उनको भी कैबिनेट की बैठक में बुलाया जा सकता है।
इस पर पूर्व संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ का कहना है कि जिन राज्यमंत्रियों के पास स्वतंत्र प्रभार होता है। उनको कैबिनेट की बैठक में बुलाया जा सकता है। यदि स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्रियों के विभाग से जुड़ा मामला हो तो ऐसा किया जा सकता है।
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‘बीजेपी-आरएसएस का है राम मंदिर कार्यक्रम’
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर उद्घाटन और रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर भी गहलोत ने विरोधियों पर बयानी वार किए। उन्होंने राम मंदिर को भाजपा और आरएसएस का प्रायोजित कार्यक्रम बताया।
गहलोत ने कहा कि राम और राम मंदिर का विषय देशभर की आस्था से जुड़ा है, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने इसे राजनीतिक कार्यक्रम बनाकर नया विवाद खड़ा कर दिया है।
Hindi News / Jaipur / Rajasthan Politics : भजनलाल सरकार पर हमलावर Ex-CM अशोक गहलोत, अब लगा डाला ये बड़ा आरोप