राजस्थान पत्रिका की ख़बर का बड़ा असर
राजस्थान पत्रिका ने चुनाव की डेट 23 नवंबर को लेकर एक सर्वे कराया था। इस सर्वे के एक अनुमान के अनुसार इस अबूझ सावे के दिन प्रदेश में करीब 60 हजार शादियां होंगी। प्रति विवाह 100 बाहरी मेहमानों का भी आकलन करें तो प्रदेश के करीब 60 लाख लोग मतदान वाले दिन अपने शहर, गांव या कस्बे से बाहर दूसरे स्थानों पर होंगे। इनके लिए मतदान करना आसान नहीं होगा। राजस्थान पत्रिका की ओर से प्रदेश के सभी जिलों में करवाए गए बड़े सर्वे में 91 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि चुनाव आयोग के इस फैसले से प्रदेश में मतदान प्रतिशत गिरेगा। 67 प्रतिशत ने कहा कि इससे विवाह वाले घरों में शादी का बजट भी गड़बड़ाएगा और परिवारों को वैवाहिक संसाधनों के लिए महंगी कीमत चुकानी पड़ेगी। सर्वाधिक परेशानी 23 नवंबर को बारातों के लिए वाहनों की व्यवस्था में होगी।
देवउठनी एकादशी पर मतदान दिवस, क्या वोटिंग पर पड़ेगा असर? पत्रिका सर्वे में सामने आए ये नतीजे
देवउठनी एकादशी की वजह से पूरा राजस्थान था परेशान
राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तारीख ने कई परिवारों को पसोपेश में फंसा दिया था। दरअसल 23 नवंबर को चुनाव के दिन ही देवउठनी एकादशी है। जो अबूझ सावा है। ऐसे में चुनाव में नियुक्त बहुत से कर्मचारी भी बेटे-बेटी का बान या मतदान के मझधार में फंस गए हैं। दूसरे शहरों में शादी में जाने की तैयारी कर रहे परिवार भी मतदान को लेकर गफलत में पड़ गए हैं। यही नहीं दूल्हे की बारात के लिए वाहन की जुगत भी शादी वाले घरों में बड़ी परेशानी का सबब बन गई है। चुनाव के लिए अधिग्रहित किए जाने पर बारात के लिए वाहन मिला मुश्किल या बेहद महंगा साबित होगा। इन परेशानियों को देखते हुए चुनाव आयोग ने यह फैसला लिया और नई तारीख 25 नवम्बर (शनिवार) को मतदान होगा।
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