इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया (
Gulab Chand Kataria ) ने कहा कि आपकी भावना का सम्मान करते हैं, ज्यादा सवाल पूछे जाएं। लेकिन ये परिपाटी है। प्रश्न कर्ता ही प्रश्न करेगा तो फिर पढऩे की आवश्यकता क्या है। कम से कम दो लोगों को आप प्रश्न पूछने की अनुमति दें। नहीं तो हम कभी नहीं मानेंगे, ये नाटक नहीं देखते रहेंगे। अध्यक्ष ने फिर कहा कि उनकी मंशा अधिक से अधिक सवाल की है। जोशी ने कहा कि भैरोंसिंह शेखावत (
bhairo singh shekhawat ) ने भी राज्यसभा में यह व्यवस्था की थी। इसके बाद उन्होंने कहा कि मामले पर सदन के बाहर बैठकर चर्चा करेंगे। साथ ही पूरक प्रश्न पूछने की व्यवस्था भी दी। इसके बाद गतिरोध खत्म हो गया। भाजपा विधायकों ने सवाल रखना शुरू कर दिए। हालांकि प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक हाथों पर काली पट्टी बांधे हुए थे। गतिरोध खत्म होने के बाद पहला सवाल भाजपा विधायक गोपीचंद मीणा ने किया।
लू और तापघात से तीन की मौत, सहायता का प्रावधान नहीं उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड (
Rajendra Rathore ) ने प्रदेश में लू और तापघात (
Heatwave ) से म्रत लोगों को मुआवजा दिए जाने का सवाल उठाते हुए पूछा कि प्रदेश में 1 जून से 10 जून 2019 तक अत्यधिक तापमान के कारण कुल कितने जिलों में रेड़ अलर्ट (
Red Alert ) किया गया। साथ ही गर्मी और लू के कारण कितने लोगों की मौत हुई, प्रदेश के जिलों में रेड़ अलर्ट घोषित किए जाने के बाद क्या क्या कदम उठाए गए। इस पर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा (
Raghu Sharma ) ने जवाब पेश करते हुए कहा कि इससे 161 लोग बीमार हुए और तीन की मौत हुई है। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि लू और तापाघात में सहायता देय नहीं है। उन्होंने कहा कि जो सवाल पूछे गए हैं उनमे प्राकृतिक आपदा प्रबंधन से भी जुडे हुए हैं, वे उन्हीं बिंदुओं का जवाब दे रहे हैं, जो चिकितसा विभाग से संबंधित हैं।