आदित्य के चाचा अशोक कुमार ने बताया कि 13 फरवरी को उसका जन्मदिन था। उसने गिफ्ट में अपने पापा विजय सिंह से मोबाइल फोन मांगा था। आदित्य के पिता टैक्सी चलाते हैं। उन्होंने आदित्य को समझाया था कि 12वीं की पढ़ाई बहुत कठिन है, एग्जाम के बाद दिला दूंगा। हालांकि वह मान भी गया था। लेकिन फिर जिद की तो उसे कहा कि 21 फरवरी को दिला देंगे, उस दिन बहन का जन्मदिन है। इस बीच उसने खौफनाक कदम उठाकर परिवार पर दु:खों का पहाड़ तोड़ दिया।
मृतक के भाई मोंटी ने बताया कि 16 फरवरी की रात को साथ खाना खाने के बाद वह पापा के साथ ही सोया था। आधी रात को पापा जागे तो उन्हें वह कहीं नहीं दिखा। छत-सड़क हर जगह ढूंढा। बाद में हमारे गेस्ट रूम का ताला खुला मिला। गेट अंदर से बंद था, तोड़कर देखा तो आदित्य साड़ी से फंदा लगाए झूला हुआ था। उसे नीचे उतार कर कई अस्पतालों में गए, लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी।
ऑनलाइन क्लास के बाद वह अक्सर मोबाइल पर पबजी खेलता रहता था, जिसके लिए अपने दादा का फोन इस्तेमाल करता। परिजन उसे टोकते भी थे। लेकिन खेलने की लत लग चुकी थी।