जहां जरूरत होगी वहां परिवर्तन पाठ्यक्रम बदलाव समिति के चेयरमैन प्रोफेसर कैलाश सोडानी ने बताया कि आज जो पाठ्यक्रम हमारे बच्चे पढ़ रहे हैं वह युवाओं को राष्ट्रभक्ति के लिए उतना प्रेरित नहीं कर रहा। इसीलिए अब समिति के सदस्यों के साथ चर्चा कर हमारे पाठ्यक्रम में जो भी आवश्यक जरूरत है उनमें बदलाव करेंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों की वर्तमान समय की जरूरत देखते हुए पाठ्यक्रम में बदलाव करेंगे हालांकि पाठ्यक्रम में 20 फीसदी तक बदलाव होगा। वर्तमान समय में देश की जरूरत को ध्यान में रखते हुए बदलाव किया जाएगा।
100 शिक्षकों को दी जिम्मेदारी प्रो.सोडाणी ने कहा कि पुस्तक लेखन के लिए 100 लेखकों की सूची बनाई है। दिसम्बर तक हम सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे। इसमें पाठ्यक्रम में लोक कल्याण, संस्कृति, डिजिटल, साइबर, कंप्यूटर ज्ञान सहित अन्य बिंदु शामिल किए जाएंगे। चयनित लेखकों को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (एसआइईआरटी) उदयपुर बुलाकर पुस्तकें तैयार कराएंगे। ताकि जुलाई तक नए पाठ्यक्रम की किताबें प्रिंट होकर विद्यार्थियों तक पहुंच जाएं। पहली से पांचवीं कक्षा तक पाठ्यक्रम में शत-प्रतिशत बदलाव किया जा सकता है।
सभी किताबों का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है और अध्ययन के बाद जल्द ही जो चीज निकल कर आएगी जो तथ्य बच्चों को नहीं पढ़ना चाहिए उन सबको हटा दिया जाएगा। इधर, शैक्षणिक अनुसंधान की बैठक लेकर अनुसंधान के अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं।
सतीश गुप्ता, ओएसडी, शिक्षा मंत्री एवं समिति विशेष सदस्य