wheat in Rajasthan: राजस्थान में गेहूं का बफर स्टॉक की तैयारी
न्यूनतम समर्थन मूल्य (minimum support price) से बाजार भाव कम होन के कारण गेहूं ( wheat ) की खरीद इन दिनों सरकारी खरीद केंद्रें पर ज्यादा हो रही है। गेहूं का एमएसपी 1975 रुपए प्रति क्विंटल है और इसका बाजार भाव 1850 रुपए के आसपास है। सरसों की एमएसपी 4650 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि बाजार भाव हैं 7900 से 8000 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है। इस कारण किसान अपनी सरसों की फसल ( mustard crop ) सरकारी एजेंसिंयों को न बेचकर बाजार में ही बेच रहा है।
wheat in Rajasthan: राजस्थान में गेहूं का बफर स्टॉक की तैयारी
जयपुर। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से बाजार भाव कम होन के कारण गेहूं की खरीद इन दिनों सरकारी खरीद केंद्रें पर ज्यादा हो रही है। गेहूं का एमएसपी 1975 रुपए प्रति क्विंटल है और इसका बाजार भाव 1850 रुपए के आसपास है। इसलिए किसान सिर्फ गेहूं लेकर ही मंडी में सरकारी खरीद केंद्रों पर आ रहे हैं। गेहूं की सरकार खरीद का लक्ष्य करीब 22 लाख मीट्रिक टन है और अब तक 13 लाख मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी है। इसमें एफसीआई के अलावा राजफेड, तिलम संघ और नेफेड सभी एजेंसियां खरीद में शामिल हैं। सबसे अधिक खरीद एफसीआई खरीद केंद्रों पर हुई है। राजफेड ने 12 मई तक 1 लाख 39 हजार 40 मीट्रिक टन की खरीदारी की है और तिलम संघ ने 41,300 मीट्रिक टन की खरीदारी की है। शेष खरीदारी एफसीआई ने की है।
सरसों और चने की खरीद में लक्ष्य पिछड़ा
सरसों के बाजार भाव एमएसपी से बहुत अधिक होने के कारण राजस्थान की मंडियों में सरसों की सरकारी खरीद काफी कम हुई है।
सरसों की एमएसपी 4650 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि बाजार भाव हैं 7900 से 8000 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है। इस कारण किसान अपनी सरसों की फसल सरकारी एजेंसिंयों को न बेचकर बाजार में ही बेच रहा है। दूसरी तरफ सरकार की परेशानी बढ़ रही हैं, क्योंकि इस सरकार ने इस साल सरसों का खरीद का लक्ष्य 12 लाख 22 हजार 775 मीट्रिक टन तय किया है। इसी तरह चना के बाजार भाव भी एमएसपी से ऊंचे हैं। चना का एमएसपी 5100 रुपए प्रति क्विंटल और बाजार में चना 5400 रुपए के करीब बिक रहा है। इसलिए चना की खरीद भी बहुत कम हुई है। राजस्थान में चना का सरकारी खरीद का लक्ष्य 6 लाख 14 हजार 900 मीट्रिक टन है, जबकि अभी खरीद मात्र 4193 मीट्रिक टन हुई है।
60 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद रोजाना
राजस्थान के खाद्य और आपूर्ति सचिव आईएएस नवीन जैन का कहना है कि राजस्थान में कोरोना काल में भी रोजाना 60 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद रोजाना हो रही है और गेहूं खरीद का लक्ष्य आसानी से हासिल कर लेंगे। वहीं, राजफेड के जनरल मैनेजर मदन गुर्जर का कहना है कि फिलहाल सरसों और चने की खरीद काफी कम हुई है और सरसों के बाजार भाव अधिक होने के कारण इस साल किसान सरकारी खरीद केंद्रों पर सरसों बेचने आएंगे इसकी उम्मीद कम है।
सरकारी खरीद नहीं तो, सटोरिये होंगे हावी
वहीं बीकानेर अनाज मंडी के पूर्व अध्यक्ष पुखराज चौपड़ा इस पर चिंता जाहिर करते हैं। उनका कहना है कि अगर सरकार के पास चना और सरसों का उचित बफर स्टॉक नहीं बनता है तो आगे अगर सटोरिये सरसों और चने का भाव बढ़ा देते हैं, तो फिर सरकार के पास भाव कम करने के लिए बाजार में आपूर्ति बढ़ाने का विकल्प ही नहीं होगा और इससे आगे जाकर चने के या खाद्य तेलों के भाव में आगे बढ़ी तेजी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
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