यूडीएच और एलएसजी ने निर्देश दिए हैं कि फाइल गुम होने पर तय प्रक्रिया के तहत अनुपलब्धता प्रमाण पत्र जारी कर रक्षित फाइल से नई फाइल का गठन किया जाए। आवश्यकता होने पर आवेदक से जरूरी दस्तावेज लिए जाएं। इसके साथ ही फाइल गुम होने की समानान्तर जांच कराई जाए और जांच में दोषी पाए गए अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
15 दिन में प्रक्रिया पूरी करनी होगी सरकार ने अभियान प्रभावित नहीं हो, इसके लिए संपूर्ण प्रक्रिया को 15 दिन में पूरा करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कंप्यूटरीकृत प्रणाली अपनाते हुए फाइलों को संधारित करने के लिए भी निकायों के कहा गया है। सरकार ने साफ किया है कि तय समय सीमा में काम नहीं किया गया तो संबंधित कार्मिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कार्रवाई के स्पष्ट प्रावधान निकाय में फाइल गुम होने पर कार्मिक के खिलाफ कार्रवाई के प्रावधान हैं, लेकिन निकाय ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई नहीं करते। जबकि सेवा नियमों के तहत कार्मिक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ ही पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराना जरूरी है। अभियान शुरू होने के बाद इस तरह के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जिसकी शिकायतों यूडीएच और एलएसजी तक पहुंच रही थी, जिस पर यह स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा है।