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जयपुर

नजर से ‘नजर’ रखेगी पुलिस, बाहरी उपद्रवियों की पहचान होगी आसान

जयपुर। जयपुर में रहने वाले लोगों को और अधिक सुरक्षित करने तथा घर घर जाकर जयपुर पुलिस की पहुंच सुनिश्चित करने के इरादे से डोर टू डोर सर्वे एप्लीकेशन लांच किया जाएगा।

जयपुरSep 28, 2023 / 08:00 pm

Lalit Tiwari

नजर से 'नजर' रखेगी पुलिस, बाहरी उपद्रवियों की पहचान होगी आसान

नजर से ‘नजर’ रखेगी पुलिस, बाहरी उपद्रवियों की पहचान होगी आसान

जयपुर। जयपुर में रहने वाले लोगों को और अधिक सुरक्षित करने तथा घर घर जाकर जयपुर पुलिस की पहुंच सुनिश्चित करने के इरादे से डोर टू डोर सर्वे एप्लीकेशन लांच किया जाएगा। आने वाले कुछ माह में पुलिस के पास जयपुर में छिपकर रहने वाले बाहरी उपद्रवियों की पहचान कर सभी का डिजिटल रिकार्ड संग्रहित किया जाएगा। ऐसे में अब यदि कोई अपराध करके फरार होता है तो उसके बारे में पुलिस तुरंत पता कर लेगी। पुलिस प्रशासन ने इसके लिए ‘नजर’ एप लॉन्च किया है। इस एप से हर माह किराएदारों का सत्यापन होगा। गुरुवार को जयपुर कमिश्नरेट में पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसफ ने ‘नजर’ एप्लीकेशन लॉन्च करते हुए इसकी जानकारी दी। यह एप एडिशनल पुलिस कमिश्नर (द्वितीय) कुंवर राष्ट्रदीप की निगरानी में बनाया गया है। इसमें कांस्टेबल राकेश झाझड़िया की अहम भूमिका रही है।
इस तरह करेगा काम
जयपुर आयुक्तालय में रहने वाले आमजन, व्यापारियों को और अधिक सुरक्षित वातावरण देने के लिए जयपुर पुलिस की हर घर पर पहुंच
सुनिश्चित करना।
– जयपुर में आए प्रवासियों के रिकॉर्ड का संग्रहण करना
– जयपुर में छिपकर रहने वाले बाहरी उपद्रवियों की पहचान करना
– सभी का डिजिटल रिकॉर्ड इकट्ठा करना
– अवैध एवं संदिग्ध वाहनों की पहचान करना
बीट कांस्टेबल को दिए जाएंगे यूजर आईडी पासवर्ड
इस एप्लीकेशन को व्यक्तिगत या व्हाट्सएप के जरिए एपीके फाइल भेजकर यूजर्स को उपलब्ध करवाई जाएगी। इस एप्लीकेशन का उपयोग वही यूजर कर पाएगा। जिसको पुलिस कमिश्नरेट द्वारा यूजर आईडी व पासवर्ड बनाए जा चुके हैं। अभी 700 से 800 यूजर आईडी पासवर्ड और बनाकर हर बीट कांस्टेबल को दिए जाएंगे।

इस तरह करेगा काम
जयपुर में मकान, दुकान, होटल, ऑफिस, हॉस्टल पर संबंधित पुलिस बीट कांस्टेबल द्वारा सम्पत्ति स्वामी की सामान्य जानकारी एप्लीकेशन में फीड की जाएगी।

– मकान, दुकान, होटल, ऑफिस, हॉस्टल में रह रहे नौकर व किराएदारों की जानकारी फोटो, आधार कार्ड नंबर (प्राथमिकता) या अन्य आईडी प्रूफ, मोबाइल नंबर, वाहन संख्या आदि का रिकॉर्ड रखा जाएगा।
– मकान, दुकान, होटल, ऑफिस, हॉस्टल में लगे हुए विद्युत कनेक्शन के बिल का नंबर लिखा जाएगा।
– बीट कांस्टेबल इन्द्राज की जाने वाली जानकारी को डिजिटली वैरीफाई (ओटीपी) करेंगे।

– बीट कांस्टेबल के पूरी जानकारी अपलोड करने के बाद सर्वे रेफरेंस नंबर (पीडीएफ लिंक के साथ) सम्पत्ति स्वामी के मोबाइल नम्बर पर
एसएमएस से पहुंच जाएगा।

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