दरअसल, ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट से पहले 30 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों के लिए एमओयू किये जा चुके हैं। इसके अलावा, इस इन्वेस्टमेंट समिट में 32 देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं, जिनमें 17 देशों की भागीदारी ‘पार्टनर कंट्री’ के रूप में होने जा रही है।
CM भजनलाल का होगा स्वागत भाषण
बता दें, इस कार्यक्रम की शुरूआत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के स्वागत भाषण से होगी। जिसके तहत राज्य के विकास के लिए किए जा रहे कामों, राज्य सरकार का एजेंडा और अगले 5 वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करके 350 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य के बारे में मुख्यमंत्री चर्चा कर सकते हैं। उद्घाटन सत्र में कुमार मंगलम बिड़ला, अनिल अग्रवाल, गौतम अडानी, आनंद महिंद्रा, संजीव पुरी, अजय एस. श्रीराम जैसे शीर्ष उद्योगपति और जापान के राजदूत केइची ओएनओ सहित कई व्यापारिक समूहों के शीर्ष अधिकारी और राजनयिक भी शामिल होंगे।
उद्घाटन सत्र में कुछ बड़े उद्योगपति मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार द्वारा शुरू किए गए प्रमुख नीतिगत सुधारों और उसके जरिए राज्य में आ रहे बदलाव और कारोबार-व्यापार जगत की व्यावसायिक क्षमता के बारे में अपने-अपने विचार साझा करेंगे।
समिट में होंगे 17 देश ‘पार्टनर कंट्री’
इस तीन दिवसीय इन्वेस्टमेंट समिट के दौरान प्रतिभागी देशों और राजस्थान के बीच सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए कुल 8 देशों के लिए कंट्री सेशन्स और राउंडटेबल का आयोजन भी किया जा रहा है। भाग लेने वाले 34 देशों में, 17 देश इन्वेस्टमेंट समिट के ‘पार्टनर कंट्री’ हैं।
जिनमें डेनमार्क, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, मलेशिया, स्पेन, क्यूबा, वेनेजुएला, मोरक्को, अर्जेंटीना, ब्राजील, कोस्टा रिका, नेपाल, ओमान, पोलैंड और थाईलैंड शामिल हैं। शेष देश जो विभिन्न क्षमताओं में इस इन्वेस्टमेंट समिट में भाग ले रहे हैं, उनमें अमेरिका, यूके, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, मिस्र, फिनलैंड, रूस, सेशेल्स, चाड, इक्वाडोर, घाना, इराक, मेडागास्कर, पैराग्वे और जिम्बाब्वे शामिल हैं।
12 क्षेत्रों के लिए होंगे थीमैटिक सत्र
इस तीन दिवसीय इन्वेस्टमेंट समिट के मुख्य आकर्षणों में उद्घाटन और ‘कंट्री सेशन्स’ के अलावा, प्रवासी राजस्थानी कॉनक्लेव, एमएसएमई कॉन्क्लेव और 12 क्षेत्रों के लिए थीमैटिक सत्र शामिल हैं। इन सत्रों में देश और दुनिया के कई विशेषज्ञ, उद्योग और व्यापार जगत के शीर्ष अधिकारी, केंद्र और राजस्थान सरकार के अधिकारी भाग लेंगे। इस दौरान संबंधित विषय से जुड़ी प्रमुख चुनौतियों, तकनीकी परिवर्तनों और उभरते अवसरों पर चर्चा की जाएगी। बता दें, 12 थीम आधारित सत्रों में महिला उद्यमिता, विनिर्माण, जल प्रबंधन और स्थिरता, सस्टेनेबल ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, सस्टेनेबल माइनिंग, स्टार्टअप, शिक्षा, सस्टेनेबल वित्त, कृषि-व्यवसाय, पर्यटन और इन्फ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई चेन के नाम शामिल हैं। ये सत्र आर्थिक विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए नवाचार, स्थिरता और समावेशिता का लाभ उठाने हेतु राजस्थान द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर भी चर्चा करेंगे।
10 दिसंबर- प्रवासी राजस्थानी कॉनक्लेव
इन्वेस्टमेंट समिट के दूसरे दिन, 10 दिसंबर को प्रवासी राजस्थानी कॉनक्लेव का आयोजन किया गया है। जिसका उद्देश्य दुनिया भर में फैले हुए प्रवासी राजस्थानी को एक मंच पर लाना, उनके बीच आपसी सहयोग और राजस्थानी होने की भावना को बढ़ावा देना है। इस सत्र में प्रवासी राजस्थानी समुदाय के प्रति राजस्थान सरकार की प्रतिबद्धता और राज्य सरकार द्वारा इसके तहत किए जा रहे प्रयासों पर भी चर्चा की जाएगी।
11 दिसंबर को एमएसएमई कॉन्क्लेव
एमएसएमई कॉन्क्लेव का आयोजन इन्वेस्टमेंट समिट के तीसरे दिन, 11 दिसंबर को रखा गया है, जिसमें एमएसएमई उद्यमियों, निवेशकों, देश और दुनिया के कई विशेषज्ञ, उद्योग और व्यापार जगत के शीर्ष अधिकारी, केंद्र और राजस्थान सरकार के अधिकारी शामिल होंगे। इस क्षेत्र की भविष्य की चुनौतियों व तैयारी पर चर्चा करेंगे। इस कॉन्क्लेव में पैनल डिस्क्शन, अनुभव साझा करने वाले सत्र होंगे और हितधारकों को नेटवर्किंग का अवसर दिया जाएगा। राजस्थान का एमएसएमई क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, और यह राज्य के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में लगभग 25% का योगदान देता है।
प्रमुख आकर्षण- ग्लोबल बिजनेस एक्सपो
‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का एक प्रमुख आकर्षण राजस्थान ग्लोबल बिजनेस एक्सपो भी है। जिसमें राजस्थान पैवेलियन, कंट्री पैवेलियन, स्टार्टअप पैवेलियन और प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसई) सहित प्रमुख भारतीय और वैश्विक व्यापार समूहों द्वारा प्रदर्शनी लगायी जाएगी। यह प्रदर्शनी न केवल राजस्थान की अपार संभावनाओं और विभिन्न क्षेत्रों में मौजूदा ताकतों के बारे में जानकारी देगी, बल्कि व्यवसायों के विकास के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करने वाली राज्य की प्रगतिशील नीतियों को भी प्रदर्शित करेगी।