मोदी ने बताया कि इस पर भैरोंसिह उन्हें कोने में ले गए और जो कुछ उनकी (भैरोंसिह) जेब में था वो सब जल्दी से उनकी (मोदी) की जेब में डाल दिया। मोदी बोले- मैं समझ नहीं पाया कि भैरोंसिहजी ये सब मेरी जेब में क्यों डाल रहे हैं। खैर, तब तक चंद्रशेखरजी वहां आ गए और आते ही चंद्रशेखर जी ने सबसे पहला भैरोंसिंह जी की जेब में हाथ डाल दिया। मैं तब समझा, क्योंकि भैरोंसिह जी को पान मसाला और तंबाकू खाने की आदत थी। जबकि चंद्रशेखर इसके बड़े विरोधी थे। जब भी चंद्रशेखर जी भैरोंसिंह जी से मिलते थे वे पान मसाला छीन लेते थे और उसे कूड़े-कचरे में फेंक देते थे। इससे बचने के लिए भैरोंसिंह जी ने अपना सामान मेरी जेब में डाला था।
वो खुलापन और अपनापन
मोदी ने कहा कि कहां जनसंध और भारतीय जनता पार्टी के लोग और उनकी विचारधारा और कहां चंद्रशेखर जी और उनकी विचारधारा। लेकिन वो खुलापन और अपनापन। कहीं भैरोंसिह जी को कुछ न हो जाए इसकी चिंता चंद्रशेखर जी को रहती थी। ये अपने आप में बड़ी बात है।
बताया युवाओं की प्रेरणा
विमोचन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चंद्रशेखर जी का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा है। उन्होंने कहा अगर अभी चंद्रशेखर होते तो उनकी भी गलत छवि बनाने की कोशिश होती। उन्हें जो गौरव मिलना चाहिए था वो नहीं मिलता। पुस्तक की पहली प्रति प्रधानमंत्री ने उप राष्ट्रपति एम. वेेकैया नायडू को भेंट की।