राजस्थान में तेल कंपनियों और पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा है। तेल कंपनियों के भुगतान के नए नियमों के कारण प्रत्येक दिन राजस्थान में पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल-डीजल की किल्लत बढ़ती ही जा रही है। सबसे ज्यादा हालात खराब भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कंपनियों के पेट्रोल पंप की है। डिपो से तेल नहीं मिलने के कारण इन कंपनियों के लगभग 2500 पेट्रोल की स्थित ऐसी है कि कभी भी पेट्रोल-डीजल का स्टॉक खत्म होते ही ये पंप बंद हो सकते हैं। तेल कंपनियों के मनमाने रवैये का विरोध करते हुए राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई और सचिव शशांक कौरानी के द्वारा केन्द्रीय पेट्रोलिमय मंत्री हरदीप पुरी को पत्र लिखा गया है।
सचिव शशांक कौरानी ने बताया कि पेट्रोल-डीजल की सबसे ज्यादा समस्या बीपीसीएल और एचपीसीएल के पेट्रोल पंप पर है। इन कंपनियों के डिपो से डीलर्स की जरूरत के अनुसार भुगतान के नए नियमों की आड लेकर न पेट्रोल दिया जा रहा है और न ही डीजल।
झुन्झुनु जिले में कई पेट्रोल पंप बंद हो चुके हैं। जयपुर शहर में सीतापुरा स्थित पेट्रोल पंप पर पेट्रोल और डीजल खत्म हो गया। एक पेट्रोल पंप दिन भर बंद रहा और शाम को डिपो से तेल मिला। जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में 150 से ज्यादा पंप पर ऐसे ही हालात रहे। जयपुर शहर में एचपीसीएल के 60 और बीपीसीएल के 30 पेट्रोल पंप हैं।
उधर चार दिन से प्रदेश के पेट्रोलियम डीलर्स तेल कंपनियों के अधिकारियों को ज्ञापन देकर भुगतान के नए नियमों को बदलने की गुहार कर रहे हैं। लेकिन तेल कंपनियां नए नियमों से पीछे हटने को तैयार नहीं है। अगर आज भी यही हालात रहे तो आज शाम तक 2500 पेट्रोल पंप पर ताले लग सकते हैं।